मौसम को देखते हुए आज शुक्रवार सुबह 6 बजे तक सोनप्रयाग से 2806 यात्री केदारनाथ के लिए रवाना हुए। जबकि 302 यात्री धाम से वापस सोनप्रयाग लौटे। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने केदारनाथ धाम दर्शन करने आ रहे तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वर्तमान में केदारनाथ धाम में मोैसम खराब है तथा भारी बर्फबारी के कारण कुबेर एवं भैरव ग्लेशियर पर बार-बार ग्लेशियर टूटने के कारण यात्रा मार्ग आवाजाही हेतु अवरुद्ध हो रहा है।
डीएम ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत् सोनप्रयाग एवं गौरीकुण्ड में रूके यात्रियों को सीमित संख्या में ही केदारनाथ पैदल जाने की अनुमति होगी। उन्होंने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वर्तमान में मौसम को ध्यान में रखते हुये दो-तीन दिनों तक केदारनाथ की यात्रा न करेें। साथ ही कहा कि वर्तमान में जिन स्थानों पर ठहरे हैं, उन्हीें स्थान पर सुरक्षित रहें तथा मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार से ही अपनी यात्रा का प्लान तैयार करें।
वहीं दूसरी तरफ हेलंग के पास बंद बदरीनाथ राष्टीय राजमार्ग खुल गया है। वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। केदानाथ कपाट खुलने के दिन 25 अप्रैल से ही धाम में बारिश और बर्फबारी हो रही है। कई दिन मौसम अधिक खराब होने पर प्रशासन ने सुबह 10:30 बजे बाद यात्रियों को धाम नहीं जाना दिया।
बुधवार को धाम में अत्याधिक बर्फबारी होने के कारण प्रशासन ने यात्रा स्थगित की। बृहस्पतिवार को चटक धूप खिलने पर सोनप्रयाग से सुबह 10 बजे से यात्रियों को धाम भेजना शुरू किया गया। दोपहर दो बजे तक कुल 9,533 श्रद्धालुओं को धाम भेज दिया गया था लेकिन दोपहर करीब ढाई बजे पैदल मार्ग में लिनचोली से आगे भैरव गदेरे में हिमखंड टूटने से आवाजाही अवरुद्ध हो गई।
ऐसे में प्रशासन ने यात्रियों को जंगलचट्टी, भीमबली व लिनचोली में ही रोक दिया। वहीं, दोपहर बाद केदारनाथ गए यात्रियों को वहीं रोक दिया गया।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि जो यात्री सुबह 10 बजे सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए रवाना हुए थे वे अधिकांश धाम पहुंच गए हैं जबकि दोपहर बाद रवाना होने वाले यात्रियों को पड़ावों पर रोक दिया गया है।
पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल ने बताया कि सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक करीब 19 हजार यात्रियों को रोका गया है। उधर, गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर बुधवार को भैरव गदेरे में हिमखंड टूट गया था जिससे मार्ग अवरुद्ध हो गया था। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण-लोनिवि द्वारा ग्लेशियर जोन से बर्फ हटाने के लिए 85 मजदूर लगाए गए थे।
मजदूरों द्वारा लगभग साढ़े 12 बजे तक बर्फ की सफाई कर आवाजाही शुरू कर दी गई थी लेकिन दोपहर करीब 2.25 बजे दोबारा हिमस्खलन हो गया जिससे रास्ता फिर बंद हो गया। यहां पर लगभग बीस मीटर लंबा और आठ मीटर ऊंचा हिमखंड टूट कर आया है। बर्फ हटाने के लिए डीडीएमए द्वारा 50 और मजदूर भेऐ गए हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि पैदल मार्ग के अवरूद्ध होने से दोनों तरफ यात्रियों को रोक दिया गया है।