सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अब एक साथ पांच विकल्पों पर रेस्क्यू अभियान चलेगा। टनल के ऊपर पहाड़ी पर और साइड की दीवारों पर सुराख बनाने के लिए शनिवार को सड़क बनाने का काम शुरू हो गया है।
बचाव अभियान में एनएचआईडीसीएल, ओएनजीसी, एसजेवीएनएल, टीएचडीसी और आरवीएनएल को एक-एक विकल्प सौंपा गया है। जबकि मदद को लिए लोनिवि को भी साथ रखा गया है। वहीं,केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी रविवार को सिलक्यारा पहुंचकर रेस्क्यू कार्यों का जायजा लेंगे।
सिलक्यारा में टनल के रास्ते से मजदूरों को बाहर निकालने के लिए पाइप टनल बनाने का प्रयोग कामयाब न होने के बाद यह निर्णय किया गया है। ऑगर मशीन से ड्रिलिंग फेल होने पर शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय ने ऑपरेशन की कमान संभाल ली। पीएम के पूर्व सलाहकार और राज्य के विशेष कार्याधिकारी पर्यटन भास्कर खुल्बे, उपसचिव आईएएस मंगेश घिल्डियाल ने एनएचआईडीसीएल, स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ घटनास्थल और टनल के ऊपर पहाड़ी का मुआयना किया। करीब तीन घंटे तक पूरे घटनाक्रम, भौगोलिक स्थिति और बेहतर से बेहतर रेस्क्यू रणनीति पर विचार-विमर्श के बाद एक साथ पांच विकल्पों पर काम शुरू करने का निर्णय किया गया। सिलक्यारा टनल में मजदूरों को फंसे हुए 150 घंटे से ज्यादा वक्त बीत चुका है।
चार से पांच दिन और लगेंगे
पीएम के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे का कहना है कि चार से पांच दिन के भीतर बेहतर रिजल्ट मिलने की उम्मीद है। यदि स्थितियां अनुकूल रहीं तो इससे पहले भी अभियान पूरा हो सकता है। अभियान में देश-दुनिया से बेहतर तकनीकी और उपकरण का उपयोग किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर उपकरणों को मंगाया जाता है। इसके समय को कम से कम रखने का प्रयास किया जाएगा।
इन 5 विकल्पों पर काम
टनल के ऊपर एक सुरक्षित स्थान पर ड्रिलिंग के जरिए सुराख बनाया जाएगा। इसके जरिए भीतर फंसे मजदूरों को निकाला जा सकता है।
टनल के बाहरी चट्टान की दीवार पर एक तय स्थान पर ड्रिलिंग के जरिए सुराख कर एडिट टनल बनाई जाएगी।
पहली एडिट टनल के पास ही एक और एडिट टनल को बनाया जाएगा।
बड़कोट की दिशा से बनते हुए आ रही टनल पर काम को सुरक्षा के साथ तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। इससे सिलक्यारा की ओर से तैयार टनल इससे मिल सकती है।
सिलक्यारा की दिशा में भी काम को सावधानी के साथ जारी रखा जाएगा। यहां अब तक 900 मिलीमीटर का पाइप 22 मीटर तक ड्रिल किया जा चुका है।