पंजाब से देहरादून आते ही ‘हरदा’ ने दिया बड़ा संकेत

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पंजाब की राजनीति ने इस समय पूरे देश में तहलका मचा दिया है। पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू का पद से इस्तीफा देना, कैप्टन अमरिंदर सिंह की जगह चन्नी को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपना, अमरिंदर सिंह का बाहरी पार्टियों में मौके तलाशने और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करना सीधा-सीधा यह दर्शाता है कि पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं। पंजाब में चल रहे घमासान युद्ध के अंदर हरीश रावत एक अहम भूमिका निभाते हुए नजर आ रहे हैं और सभी पक्षों के बीच में सामंजस्य बिठाते हुए भी नजर आ रहे हैं।

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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि पार्टी पंजाब की सियासत का रुख तय कर चुकी है। अब आगे सिद्धू को खुद निर्णय करें कि उन्हें क्या करना है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने मीडिया से की गई बातचीत में कहा कि पंजाब का मसला पांच-छह दिन में सुलझ जाएगा। कुल मिलाकर हरीश रावत कांग्रेस में पैदा हो रही बुरी स्थिति और चुनौतियों को सुलझाने की कोशिश में लगे हुए हैं।पंजाब में चल रहे सियासी घमासान के बीच आखिरकार हरीश रावत उत्तराखंड पहुंच गए हैं और उन्होंने कहा है कि पंजाब में जो कुछ हो रहा है वह बहुत जल्दी ठीक हो जाएगा। पंजाब में आपसी गुटबाजी को दूर करने की जिम्मेदारी पार्टी हाईकमान ने हरीश रावत को दिया है और इन सबके बीच में हरीश रावत वापस देहरादून पहुंच चुके हैं।

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देहरादून पहुंचे हरीश रावत ने कहा पंजाब में जो कुछ हो रहा है वह सब जल्द ही ठीक हो जाएगा. उन्होंने कहा कुछ चीजें समय के साथ ठीक होती हैं। पंजाब का मामला भी समय के साथ खुद ठीक होगा। पंजाब में चल रही इस राजनीति कुश्ती में हरीश रावत प्रदेश प्रभारी के रूप में काफी अहम भूमिका निभा रहे हैं। हरीश रावत को पंजाब के साथ ही उत्तराखंड पर भी फोकस करना है क्योंकि उत्तराखंड में भी चुनावी माहौल अपने चरम पर है और कांग्रेस पार्टी पूरे फोकस के साथ उत्तराखंड में चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस ने अबतक अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम भी रिवील नहीं किया है। ऐसे में हरदा को पंजाब के साथ उत्तराखंड पर भी फोकस रखना है। अब देखना यह है कि हरदा उत्तराखंड और पंजाब के चुनावों के बीच दोनों राज्यों में कांग्रेस पार्टी की नैया पार लगवा पाते हैं कि नहीं।

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