ऊधम सिंह नगर जिले के किच्छा विधानसभा क्षेत्र पन्तनगर कि विश्व प्रसिद्ध गोविंद बंलभ पन्त युनिवर्सिटी में सरकारी आवास आवंटन का मामला इन दिनों सुर्खियों में है ।
युनिवर्सिटी में विभागीय अधिकारियों एंव कार्मचारियों के लिए बने सरकारी घरों के वितरण को लेकर अखिल भारतीय सफाई मजदूर काग्रेंस बौद्धिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेश सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनमोहन सिंह चौहान को शिकायती पत्र देकर अधिकारियों पर मिलीभगत कर अपात्र लोगों को सरकारी आवास आवंटित करने का आरोप लगाया है साथी ही उन्होंने जल्द ही उक्त प्ररकरण कि जांच कर दोषियों सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ कारवाई की मांग की है।
इसके अलावा उन्होंने युनिवर्सिटी प्रशासन को चेतावनी भी दी है कि अगर जल्द ही उक्त मामले कि जांच कर दोषियों पर उचित कारवाई नही कि गई तो अखिल भारतीय सफाई मजदूर काग्रेंस कार्यकार्ता उग्र आदोंलन को बध्य होगे जिसकी जिम्मेदारी युनिवर्सिटी प्रशासन की होगी।
यहां अखिल भारतीय सफाई मजदूर काग्रेंस बौद्धिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेश सिंह द्वारा गोविंद बंलभ पन्त युनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. मनमोहन सिंह चौहान को दिये शिकायती पत्र में कहा कि युनिवर्सिटी में सरकारी आवासों को आवंटन करने के लिए परिसम्पत्ति कार्यालय द्वारा निदेशक प्रशासन एंव अनुश्रवण के अनुमोदन उपरोक्त कुलपति कि स्वकृति प्राप्त कर आंवटन कि प्रक्रिया पुरा करने का प्रवधान है लेकिन वर्तमान में परिसम्पत्ति अधिकारी व कार्मचारियों द्वारा अतिरिक्त निदेशक प्रशासन एंव अनुश्रवण कि मिलीभगत तथा विश्वविद्यालय के नियमों कि अवहेलना करते कुछ लोगों को सरकारी आवास आवंटित किये गए हैं जो नियमों के विरुद्ध है। जिसका युनिवर्सिटी के लोग विरोध करतें है उन्होंने कहा कि जिन लोगों को यहां सरकारी आवास आवंटित किये गए हैं उनके नाम कि सूची उक्त शिकायती पत्र में दर्ज है साथ ही उन्होंने जल्द ही उक्त प्ररकरण कि जांच कर दोषियों सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ कारवाई कि मांग करते हुए कहा कि जिन अधिकारियों कि मिलीभगत से यहां सरकारी आवास आवंटित हुए हैं उन आवासों को जल्द खली काराकर युनिवर्सिटी के पात्र कार्मचारियों में वितरित किए जाये।
वही उन्होंने युनिवर्सिटी प्रशासन को चेतावनी भी दी है कि अगर जल्द ही उक्त मामले कि जांच कर दोषियों अधिकारियों पर उचित कारवाई नही कि गई तो अखिल भारतीय सफाई मजदूर काग्रेंस के कार्यकार्ता उग्र आदोंलन को बध्य होगे जिसकी जिम्मेदारी युनिवर्सिटी प्रशासन की होगी।