हल्द्वानी में भारी संख्या में लावारिश कुत्ते बन रहे खतरा

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हल्द्वानी में लावारिस जानवर लोगों की परेशानी का कारण बन गए हैं। हालात इतने खराब हैं कि निगम के साठ वार्ड में करीब बीस हजार से ज्यादा लावारिस कुत्ते घूम रहे हैं। वहीं गोवंशीय पशु और बंदर लगातार खतरा बने हुए हैं। जिनसे आए दिन दुर्घटना का खतरा बना रहता है। कुमाऊं का सबसे बड़ा शहर हल्द्वानी लावारिस पशुओं के कारण बदहाल हो गया है। सड़क और गलियों में घूम रहे जानवर लोगों की परेशानियां बढ़ा रहे हैं। केवल नगर निगम क्षेत्र में ही करीब बीस हजार से ज्यादा लावारिस कुत्ते मौजूद हैं। इनके खूंखार होने से लोगों को सड़क और गलियों में घूमना मुश्किल बना हुआ है।हालांकि, इनमें से नगर निगम ने 17,123 कुत्तों का बधियाकरण कर दिया है। लेकिन इनका स्थाई ठिकाना नहीं बनाए जाने से ये पशु खुले में घूम रहे हैं। कॉलोनियों में सबसे ज्यादा सुबह-शाम आवाजाही के दौरान लोगों के पीछा करते हुए इन्हें आसानी से देखा जा सकता है। लावारिस पशुओं की भिड़ंत में कई बार दोपहिया वाहनों के गिरने से लोग चोटिल होते रहते हैं। इसकी शिकायतें नगर निगम कार्यालय में लगातार दर्ज हो रही हैं। इसके बाद भी समाधान नहीं हुआ है। गोवंशीय पशु बन रहे दुर्घटना का कारण शहरी क्षेत्र में घूम रहे गोवंशीय पशु दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। सड़क पर इनसे टकराने से कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है। नगर निगम की टीम ने एक हजार से ज्यादा पशुओं को पकड़ कर गोशाला पहुंचा दिया है। इसके बाद भी इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। निगम निगम की गोशाला में शेड की कमी होने से अब इन्हें हटाया जाना मुश्किल बना हुआ है। कटखने बंदर बने खतरा हल्द्वानी की कॉलोनियों में उधम मचा रहे कटखने बंदर लगातार खतरा बने हुए हैं। गलियों से गुजर रहे लोगों पर हमला करने के साथ ही घर की छत पर रखे सामान को बंदर बर्बाद करते रहते हैं। एक माह पूर्व पॉलीशीट में एक बंदर के हमले से बुर्जुग व्यक्ति गंभीर घायल हो गए थे। हालांकि इसके बाद निगम ने बंदरों को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया है। जिससे कुछ राहत मिलनी शुरू हुई है। हर माह चार हजार लोग लगा रहे रेबीज वैक्सीन जानवरों के हमले के कारण लगाए जा रहे रेबीज वैक्सीन के आंकड़े साफ बता रहे हैं कि शहर में समस्या लगातार बढ़ रही है। यहां एक माह में जानवरों के काटने से चार हजार से अधिक लोगों को रेबीज वैक्सीन लगानी पड़ी है। हल्द्वानी बेस अस्पताल के पीएमएस डॉ. केएस दताल ने बताया कि जून महीने में कुत्ते, बिल्ली, बंदर के काटने से 3436 लोगों को रेबीज वैक्सीन लगाई। जुलाई में यह संख्या 4269 पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि इनमें 90 फीसदी से अधिक मामले कुत्ते के काटने के हैं। शहर के साथ गांव में भी खतरा बन रहे कुत्ते निगम क्षेत्र के साथ ही शहर का आकार ले रहे हल्द्वानी के गांवों में भी कुत्ते खतरा बन गए हैं। बीती 18 जुलाई को शहर से लगे हरिपुर जमनसिंह गांव निवासी 18 महीने के बच्चे को कुत्तों के झुंड ने हमलाकर लहुलुहान कर दिया था। प्रशासन के तमाम दावों के बाद भी लावारिस कुत्तों का खतरा बढ़ता जा रहा है। झुंडों में घूमते ये कुत्ते सड़कें और गलियों पर कब्जा कर चुके हैं। बच्चों और बुजुर्गों पर हमलों की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। नगर आयुक्त ने कहा कि लावारिस कुत्तों का बधियाकरण किए जाने के साथ ही गोवंशीय पशुओं को गोशाला भेजा जा रहा है। कुत्तों के स्थाई समाधान के लिए शेल्टर होम में जरूरी सुविधाओं का विकास किया जाएगा।

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