उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा बड़े पैमाने पर खरीदी गई जमीन की खरीद-फरोख्त को लेकर जांच प्रक्रिया तेज की जा चुकी है यहां श्री कैंची धाम तहसील क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न गांवों में छह बाहरी व्यक्तियों को खरीदी गई 210 नाली भूमि पर भू-कानून और ली गई अनुमति के अनुरूप काम नहीं करना भारी पड़ गया है।
एसडीएम वीसी पंत की ओर से गठित टीम की जांच के बाद उक्त लोगों की ओर से खरीदी गई उक्त भूमि को राज्य सरकार में निहित करने की संस्तुति की गई है।
एसडीएम ने बताया कि तहसील क्षेत्र के चौरसा में पीयूष सिंघानिया की 50 नाली और कूल में महस्पति पवार की 100 नाली जमीन के अलावा छिमी में एक और प्यूड़ा में तीन लोगों की 60 नाली भूमि का मामला खतौनी में ब्योरा नहीं होने के चलते राज्य सरकार में निहित के लिए रिपोर्ट भेज दी गई है।
बता दें कि पूर्व में सिल्टोना में यूपी के प्रतापगढ़ के विधायक राजा भैया की पत्नी भावनी सिंह की 27.5 नाली भूमि सरकार को निहित कर दी गई थी। एसडीएम की कार्रवाई के बाद से बाहरी लोगों में खलबली मची हुई है।
बताते चलें कि उत्तराखंड के मूल निवासी लंबे समय से भू कानून की मांग कर रहे हैं ताकि यहां की बेशकीमती जमीन को भूमाफिया और बाहरी लोगों की नजर से बचाया सके। इस पल अमल करने के लिए सरकार लगातार ठोस कदम उठा रही है ऐसे में अब प्रदेश में शशक्त भू कानून की मांग और तेज होती दिखाई दे रही है