बागेश्वर।
जिलाधिकारी विनीत कुमार की अध्यक्षता में कृषि एवं विभिन्न रेखीय विभागों से संबंधित आतमा योजना की महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुर्इ। समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये है कि वे आतमा जैसी महत्वपूर्ण योजना के अन्तर्गत किये गये कार्यों का आउटकम आधारित विशलेषण प्रस्तुत करें, ताकि योजनान्तर्गत ऐसे प्रगतिशील किसानों आदि को लाभान्वित किया जा सके जो प्रशिक्षण आदि प्राप्त करने के उपरान्त नवीन तकनीकी को अपनाते हुए न केवल अपनी आजीविका में गुणात्मक बदलाव करें बल्कि दूसरें कृषकों आदि को भी नवीन तकनीकी आदि का प्रयोग करने के लिए प्रेरित कर सके।
जिलाधिकारी ने इस बात पर भी बल दिया कि आतमा योजनान्तर्गत किसानों को दिये जाने वाले विभिन्न कृषि एवं तकनीकी संबंधी प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षण के प्रभावों आदि के संबंध में एक विस्तृत डाटा तैयार किया जाय जिससे यह स्पष्टत: उल्लेख किया जा सका कि योजना का कितने प्रतिशत धरातलीय क्रियान्वयन सम्भव हुआ है। बैठक में जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि योजनान्तर्गत विभिन्न रेखीय विभाग जैसे पशुपालन, रेशम, बागवानी, कृषि आदि कनर्वजेंश नीति का अनुकरण करते हुए लाभार्थियों को बहुआयामी रूप से लाभ पहुॅचाना सुनिश्चित करें ताकि प्रगतिशील कृषक आदि नवीन तकनीकी एवं नवीन उपकरण की जानकारी न केवल प्राप्त कर सके बल्कि उसका प्रयोग करते हुए आत्मनिर्भता के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता युक्त उत्पादन भी कर सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि 2005 से संचालित आतमा योजना का क्रियान्वयन कलस्टर एपरोच पर किया जाय जिससे स्थानीय स्तर पर स्थानीय जलवायु के अनुकूल उत्पादों का न केवल उत्पादन किया जा सके बल्कि उनके लिए बाजार की भी सम्मुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी बीपी मौर्य ने जिलाधिकारी को वर्तमान वर्ष के लिए आतमा योजना की कार्ययोजना एवं विगत वर्षों में आतमा योजना अन्तर्गत किये गये कार्यों के संबंध में सलार्इड सो के माध्मय से विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी जिसमें उन्होंने बताया कि इस योजनान्तर्गत कृषि अनुसंधान केन्द्र काफलीगैर एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा समय समय पर न केवल नवीन तकनीकी एवं नवीन बीजों आदि के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है बल्कि इस योजना के अन्तर्गत प्रगतिशील किसानों को दूसरे जनपदों एवं दूसरे जिलों में उत्पन्न किये जा रहे उत्पादों आदि के बारे में प्रशिक्षण देने हेतु भेजा जाता है। उन्होंने आतमा योजनान्तर्गत इस वर्ष 174 लाख की कार्ययोजना सदन के समक्ष प्रस्तुत की जिसमें किसानों का प्रशिक्षण, विभिन्न रेखीय विभागों का डेमोस्ट्रेशन आदि कार्य सम्मलित किये गये है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डीडी पन्त, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ उदय शंकर, जिला उद्यान अधिकारी आर के सिंह, मत्स्य निरीक्षक मनोज मियान सहित कृषि अनुसंधान केन्द्र काफलीगैर के अधिकारी आदि मौजूद रहे।