बड़ी खबर दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा की बड़ी मुश्किले, पुलिस ने किया ये काम,पढ़े खबर

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दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा के मामले में पुलिस की जांच अधिकारी ने महिला और उसकी बेटी के बयान दर्ज किए। पीड़िता की बेटी के आरोपों के आधार पर पुलिस ने मुकेश बोरा पर पॉक्सो की धारा बढ़ा दी है। बृहस्पतिवार को मजिस्ट्रेट के सामने महिला की बेटी के 164 के बयान दर्ज होंगे। पॉक्सो की धारा लगते ही पुलिस पर मुकेश बोरा को गिरफ्तार करने का दबाव बढ़ गया है।

सीओ लालकुआं संगीता ने बताया कि बुधवार को जांच अधिकारी लालकुआं निवासी पीड़ित महिला के बताए हुए स्थान पर गईं। वहां उन्होंने महिला और उसकी बेटी के बयान दर्ज किए। पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने उसकी बेटी से भी छेड़छाड़ की। बेटी के बयानों के आधार पर मुकेश बोरा के मुकदमे में पॉक्सो की धारा बढ़ा दी गई है। बृहस्पतिवार को किशोरी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा।

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लालकुआं निवासी महिला ने 31 अगस्त को लालकुआं में दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा के खिलाफ तहरीर देकर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। कहा कि अश्लील फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर आरोपी आए दिन शारीरिक शोषण करता था। आरोपी ने अपने दोस्तों के साथ भी शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया। मना करने पर उसने मुझे और मेरे बच्ची को जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता के इनकार करने पर आरोपी के ड्राइवर कमल बेलवाल ने जान से मारने की धमकी दी। महिला की तहरीर पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। 24 घंटे बाद एक सितंबर को लालकुआं कोतवाली में आरोपी मुकेश बोरा और उसके चालक कमल बेलवाल पर धारा 376, 506 में केस दर्ज किया। इसके बाद महिला ने आरोपी बोरा पर उसकी बेटी से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था।

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पुलिस से वार्ता के बाद पीड़िता ने आत्मदाह की धमकी का निर्णय वापस लिया
24 घंटे में आरोपी मुकेश बोरा की गिरफ्तारी न होने पर पीड़िता ने मंगलवार को लालकुआं कोतवाली के समक्ष आत्मदाह करने की धमकी दी थी। जांच अधिकारी सीओ संगीता ने पीड़िता से वार्ता कर उसे समझाया। इसके बाद पीड़िता ने आत्मदाह करने का निर्णय स्थगित कर दिया है। पुलिस क्षेत्राधिकारी संगीता ने पीड़िता को समझाया कि मुकदमे में सुबूत जुटाने आवश्यक है, जब तक पर्याप्त सुबूत एकत्र नहीं हो जाते तब तक आरोपी को गिरफ्तार करना उचित नहीं है। पीड़िता ने पुलिस क्षेत्राधिकारी को आश्वासन दिया कि अब वह आत्मदाह का निर्णय वापस ले रही हैं। अब वह ऐसा कुछ नहीं करेगी जिससे विवेचना के कार्य में बाधा पहुंचे।

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