भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत राम जन्मभूमि मंदिर दर्शन का सर्वप्रथम अवसर मिलना देव भूमिवासियों का सौभाग्य बताया है। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा है।
राम मंदिर दर्शन का पहला अवसर देव भूमिवासियों का सौभाग्य
राम जन्मभूमि मंदिर दर्शन का पहला अवसर देव भूमिवासियों को मिलने को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने सौभाग्य बताया है। इसके साथ ही उन्होंने इसके श्रेय को लेकर राजनीति करने वाले विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राम लला का भव्य और दिव्य मंदिर, अरबों सनातनियों की भावनाओं और बलिदान का परिणाम है। लिहाजा श्रेय की आकांक्षा रखने वाले सुविधावादी हिंदुओं को काशी मथुरा के लिए जारी संघर्ष में आगे आने का साहस करना चाहिए।
बयानबाजी को लेकर विपक्ष पर कसा तंज
अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर दर्शन को लेकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद राज्यवार श्रद्धालुओं के दर्शन में सर्वप्रथम मौका उत्तराखंड निवासियों को मिलने वाला है। ये प्रत्येक देवभूमिवासी के लिए सौभाग्यशाली और गौरवमयी अवसर है। उन्होंने श्रेय को लेकर बयानबाजी करने वाले विपक्ष पर तंज किया किया।
उन्होंने कहा कि बेशक सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ हो लेकिन इसका असल श्रेय सैकड़ों वर्षों में लाखों सनातनियों के बलिदान और 120 करोड़ हिंदुओं की भावनाओं को जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश गवाह है कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष ने मंदिर कारसेवकों का नरसंहार किया।
ध्वस्त तथाकथित बाबरी मस्जिद को पुनः बनाने का सार्वजनिक वादा बतौर पीएम नरसिम्हा राव ने किया और पहली किश्त के तौर पर एक साथ तीन राज्यों की भाजपा सरकारें बर्खास्त की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वकील बनकर मंदिर विरोध में अदालत दर अदालत पैरवी करते रहे। इतना ही नहीं इनकी यूपीए की सरकार ने प्रभु राम के अस्तित्व के खिलाफ ही सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया था ।
मंदिर विरोध की नीति अपनाने का कांग्रेस पर लगाया आरोप
कांग्रेस पर स्थानीय अदालत के निर्णय पर राम मंदिर का ताला खोलने और फिर अल्पसंख्यक नाराजगी के डर से ताला बंद कर मंदिर विरोध की नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कटाक्ष किया कि अगर किसी कांग्रेस या विपक्षी नेता को अभी भी श्रेय लेना है तो उन्हें काशी विश्वनाथ, मथुरा कृष्ण जन्मभूमि को लेकर संघर्ष में सहयोग के लिए आगे आना चाहिए।
लेकिन ऐसा होगा नही क्योंकि ये सभी सुविधावादी हिंदू और प्रतिक्रियावादी छद्म धर्मनिरपेक्ष हैं। जनता को बखूबी अहसास है कि कल तक राम जन्मभूमि आंदोलन का मजाक उड़ाने वालों के पास आज भी अल्पसंख्यक वोटों की नाराजगी झेलने का साहस नहीं है।