जिला चिकित्सालय अवैध वसूली का अड्डा बन गया है. यहां छोटी सी बीमारी को लेकर अस्पताल पहुंचने पर मरीजों को लूटा जा रहा है. साथ ही मरीजों को बेवजह परेशान किया जा रहा है।
एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसके बाद से स्थानीय लोगों में चिकित्सालय प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है. खुद जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक भी स्वीकार कर रहे हैं कि इस प्रकार के मामले पहले भी आ चुके हैं और अब इन मामलों में विधायक व जिलाधिकारी की संस्तुति के बाद कार्रवाई की जा रही है।
ग्रामीण क्षेत्र की भोली-भाली गरीब जनता मुफ्त उपचार पाने के लिए जिला चिकित्सालय का रुख करती है. लेकिन यहां मरीजों को मुफ्त उपचार मिलने के बजाय उनसे वसूली की जाती है।
जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. विकासखंड अगस्त्यमुनि के बावई निवासी अंजना देवी अपने 4 वर्षीय बच्चे अनिष्क को लेकर कोटेश्वर स्थित माधवाश्रम अस्पताल में गई.
महिला बच्चे के हाथ में पट्टी कराने के लिए अस्पताल पहुंची थी. यहां पहुंचने पर चिकित्सक ने एक्स-रे करने के लिए बाहर भेजा और जब पट्टी करने की नौबत आई तो महिला से 850 रुपये देने की डिमांड कर दी ऐसा आरोप है. इतना ही नहीं, चिकित्सालय में दवाई होने के बाद भी चिकित्सक ने बाहर की दवाइयां लिख दी ये भी आरोप है.
पीड़ित अंजना देवी ने बताया कि उनके 4 वर्षीय बच्चे के हाथ में चोट लगी थी और वह पट्टी करने के लिए कोटेश्वर स्थित स्वामी माधवाश्रम जिला चिकित्सालय पहुंची. उन्होंने बताया कि पहले तो किसी तरह मीलों का सफर तय करने के बाद इलाज के लिए जिला चिकित्सालय पहुंची।
यहां पहुंचने पर बच्चे का एक्स-रे भी बाहर करवाया गया और बच्चे के हाथ पर पट्टी लगाने के लिए उनसे 850 रुपए मांगे गए. रुपए देने के बाद भी कोई रसीद नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि चिकित्सकों ने अंदर की दवाई लिखने के वजाय बाहर से लाने को भी कहा।
वहीं, मामले में जिला चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. राजीव पाल सिंह का कहना है कि यह मामला विधायक, जिलाधिकारी और सीएमओ के सज्ञान में भी है. जिलाधिकारी की संस्तुति के बाद सीएमओ की ओर से पूरे मामले में जांच बैठाकर कार्रवाई की जा रही है.