उत्तराखंड सरकार द्वारा बच्चों की स्कूली शिक्षा को लेकर गंभीरता से कुछ नए विचारों को तरजीह दी जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्कूलों में अब वेद, पुराण, उपनिषद और गीता पढ़ाने पर सही ढंग से विचार किया जा रहा है। बता दें कि सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत से पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सकता है। कुछ शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस बारे में बैठक बुलाई गई है।बता दें कि बीते रोज राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं शिक्षा विभाग की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
जिसमें प्रदेश के शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने भी शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा शैक्षिक पाठ्यक्रम राज्य को तैयार करना है। ये नई शिक्षा नीति में स्पष्ट है। इसके अलावा सरकार का ध्यान बच्चों की मूल ज्ञान केंद्र पर हैबता दें कि बीते रोज राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं शिक्षा विभाग की ओर से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें प्रदेश के शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने भी शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा शैक्षिक पाठ्यक्रम राज्य को तैयार करना है। ये नई शिक्षा नीति में स्पष्ट है। इसके अलावा सरकार का ध्यान बच्चों की मूल ज्ञान केंद्र पर है।शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार भारतीय ज्ञान और परंपरा को तवज्जो देकर आगे बढ़ रही है। इसी के तहत परंपराओं से जुड़े ज्ञान को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इससे पहले आम लोगों से सुझाव दिया जाएगा। 2 मई को विभागीय अधिकारियों की बैठक भी बुलाई गई है। जिसमें गहन मंथन किया जाना है।