उत्तराखंड में पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए मुख्यमंत्री धामी की अध्यक्षता में आज भराड़ीसैंण में पलायन निवारण आयोग की अहम बैठक हुई. बैठक में राज्य में बढ़ते पलायन के कारणों पर चर्चा हुई. इसके साथ ही समाधान के लिए प्रभावी योजनाओं के निर्माण पर मंथन किया गया.
पहाड़ों से पलायन रोकने की दिशा में हो रहा काम
सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार पलायन की समस्या को बेहद गंभीरता से ले रही है. पलायन को रोकने के लिए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए ठोस कदम उठाए हैं. सीएम धामी ने कहा कि पिछले तीन सालों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं. इस दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है.
पलायन रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लागू की कई योजना
सीएम ने कहा साल 2025 तक उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने के लक्ष्य पर सरकार काम कर रही है. सीएम ने कहा पलायन निवारण आयोग द्वारा दिए जा रहे सुझावों को अमल में लाने के लिए संबंधित विभागों के माध्यम से ठोस कार्य योजना बनाई जा रही है. जनकल्याणकारी योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित करने के लिए प्रक्रिया का सरलीकरण किया जा रहा है. सीएम ने कहा कि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन को रोकने के लिए कई योजनाओं को लागू किया है. इसके तहत गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जा रहा है और रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा रहे हैं.
पलायन निवारण के लिए प्रवासियों से मिले सुझाव : CM
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देश विदेश के प्रवासियों को भी इस मुहीम से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. पलायन निवारण के लिए प्रवासियों से भी अच्छे सुझाव मिले हैं, जिन्हें धरातल में उतारा जाएगा. बैठक में पलायन निवारण के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं पर चर्चा की गई. प्रमुख बिंदु यह था कि पहाड़ी में बुनियादी सुविधाओं का विकास और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए प्रभावी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाए.