सीएम धामी ने पिथौरागढ में आयोजित हिलजात्रा महोत्सव में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि सोरघाटी की ये ऐतिहासिक हिलजात्रा हमारी आस्था, विश्वास और समृद्ध परंपराओं की प्रतीक है।
सीएम धामी ने कहा कि ये यात्रा हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। 500 वर्षों से भी अधिक समय से मनाए जा रहे इस पर्व ने पिथौरागढ़ को एक विशिष्ट पहचान दी है। हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे पारंपरिक पर्व व मेले आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित और संरक्षित रहें। इसके लिए हमारी सरकार विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से निरंतर सहयोग कर रही है।
क्या है हिलजात्रा ?
हिलजात्रा एक ऐसा पर्व जो जितना पुरातन है उनका ही खास भी है। बता दें कि हिलजात्रा किसानों का पर्व है। वैसे तो पिथौरागढ़ जिले के कई गांवों में हिल जात्रा होती है, लेकिन इनमें कुमौड़ की हिल-जात्रा विशेष होती है। कुमौड़ में लखिया भूत आता है। ये ऐसा भूत है, जो किसी को डराता नहीं है। बल्कि लोगों को आशीर्वाद देता है। किसानों के इस पर्व में हर पात्र खेती से जुड़ा होता है। ये कोई साधारण जात्रा नहीं है। पहाड़ के किसानों की यात्रा है। पहाड़ की समृद्ध संस्कृति की यात्रा है