मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर परिवहन विभाग ने सरेंडर पालिसी में बदलाव का खाका तैयार कर लिया है ।उप परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि नई सरेंडर पॉलिसी का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। इसके अनुसार कमर्शियल वाहन का मालिक अपने वाहन को 1 साल में पहली बार 6 महीने के लिए एक साथ सरेंडर कर सकेगा। विशेष परिस्थितियों में उसे एक बार फिर वाहन को 6 महीने तक सरेंडर करने की छूट मिलेगी ।सूत्रों के अनुसार वर्ष 2012 तक उत्तराखंड में वाहनों की सरेंडर नीति बेहद सरल थी वाहन मालिक अपने वाहनों को लंबी अवधि तक सरेंडर कर सकते थे। वर्ष 2012 में तत्कालीन सरकार ने सरेंडर सीमा को तय कर दिया था वर्तमान में 1 साल में अधिकतम 6 माह तक ही वाहन को सरेंडर श्रेणी में रखा जा सकता है ।पहले चरण में 3 माह के लिए सरेंडर सुविधा है करोना कॉल में लंबे समय से लॉकडाउन व्यवसायिक गतिविधियां बंद रहने की वजह से सरेंडर नीति में बदलाव की जरूरत महसूस की गई ।परिवहन कारोबारी पिछले काफी समय से सरकार से सरेंडर नीति को सरल करने की मांग कर रहे हैं ।पहाड़ी रूट पर बाहन चलाने को लाइसेंस पर हिल इंडोस करने की व्यवस्था में बदलाव पर विचार हो रहा है। सीएम ने कुछ समय पहले ही पर्यटन कारोबार से जुड़े टैक्सी मैक्सी कैब संगठनों की मांग पर इंडोसमेंट की अनिवार्य समाप्त करने का आश्वासन दिया है। परिवहन अधिकारी इस व्यवस्था में बदलाव का अध्ययन कर रहे हैं।
कॉमर्शियल वाहनों को साल भर के लिए सिलेंडर कर सकेंगे
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