

मनसा देवी मंदिर मार्ग में रविवार सुबह हुई भगदड़ (Mansa Devi Stampede) में छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। हालांकि कांग्रेस का दावा है कि मृतकों की संख्या 15 से भी अधिक हो सकती है। हादसे पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने दुःख जताया है। साथ ही सरकार को घेरने का काम किया है।
कांग्रेस ने सरकार को घेरा
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि यह त्रासदी सरकार और प्रशासन की असफलता का नतीजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि हर साल श्रावण मास में शिवरात्रि के बाद शनिवार और रविवार को हरिद्वार में भारी भीड़ जुटती है, इसके बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस तैयारी नहीं की। माहरा ने कहा कि सरकार ने पंचायत चुनाव की ड्यूटी में पुलिस बल तैनात कर दिया है, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर असर पड़ा। अगर पर्याप्त पुलिस मौजूद होती तो यह हादसा रोका जा सकता था।
भीड़ प्रबंधन में भारी चूक : माहरा
माहरा ने कहा भीड़ नियंत्रण के नियम भी इस बार पूरी तरह नजरअंदाज किए गए। मनसा देवी मंदिर जाने वाले सीढ़ी वाले रास्ते को भीड़ बढ़ने पर हमेशा वन-वे कर दिया जाता है, लेकिन आज दोनों ओर से आवाजाही चालू रखी गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। माहरा ने कहा कि मंदिर कमेटी ने पुलिस-प्रशासन को भीड़ बढ़ने की सूचना तक नहीं दी। पुलिस को घटनास्थल तक पहुंचने में 20 मिनट लग गए, जिससे कई जानें बचाई नहीं जा सकी।
HC की निगरानी में हो जांच
- हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में पूरे मामले की न्यायिक जांच हो।
- हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
- मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए और घायलों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाए।
- हरिद्वार और अन्य धार्मिक स्थलों पर भीड़ प्रबंधन की स्थायी नीति बने।
- मृतकों की वास्तविक संख्या सार्वजनिक की जाए और हादसे की पूरी सच्चाई सामने लाई जाए।