उत्तराखंड में कांग्रेस आलाकमान ने राज्य के लिए नेता प्रतिपक्ष व अध्यक्ष के चयन के साथ अन्य को भी अलग-अलग पदों से ताजपोशी की है लेकिन इस दौरान किसी एक खेमे को तरजीह देने के बजाय सबको साथ लेने और खुश करने की कोशिश की गई, लेकिन फिर भी कुछ नेता नाराज हो गए। धारचूला विधायक हरीश धामी ने कुछ नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए पार्टी छोड़ने की धमकी दी है, तो वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात भी नाराज बताए जा रहे हैं। दिग्गज कांग्रेस नेता नवप्रभात को कांग्रेस ने घोषणा पत्र समिति का अध्यक्ष बनाया है, लेकिन उन्होंने ये जिम्मेदारी लेने से साफ इंकार कर दिया। नवप्रभात ने अपने फैसले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को भी सूचित कर दिया है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने लंबी मशक्कत के बाद गुरुवार को संगठन में फेरबदल का ऐलान किया।
इस दौरान पार्टी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष और नेता विधायक दल समेत महत्वपूर्ण पदों पर दिग्गज नेताओं को नई जिम्मेदारियां दी गईं। चुनावी तैयारियों के मद्देनजर 10 समितियां भी बनाई गई हैं। दिग्गज नेता हरीश रावत को चुनाव प्रचार की कमान सौंपी गई है। कांग्रेस अध्यक्ष पद से विदा हुए हैवीवेट प्रीतम सिंह नेता विधायक दल बनाए गए हैं। गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली है। इसके अलावा कांग्रेस ने चुनाव अभियान समिति समेत 10 समितियां गठित कर सभी खेमों को एडजस्ट करने की रणनीति अपनाई। इसके तहत पूर्व मंत्री नवप्रभात को घोषणा पत्र समिति का अध्यक्ष बनाया गया। पूर्व सांसद महेंद्रपाल को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन लगता है नवप्रभात खुद को मिली जिम्मेदारी से खुश नहीं हैं। शुक्रवार सुबह उन्होंने समिति के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया। उन्होंने पार्टी के प्रदेश प्रभारी को अपने फैसले के बारे में बता दिया है।