फिर मंडराया ‘निपाह वायरस’ का खतरा, केरल में दो लोगों की मौत

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एक बार निपाह वायरस (Nipah Virus) का मामला निकलकर सामने आया जिससे लोगों फिर से निपाह का खौफ फैल गया है। राज्य में दो लोगों की अप्राकृतिक मौत के बाद केरल के स्वास्थ्य विभाग ने निपाह वायरस से संबंधित अलर्ट जारी कर दिया है। ऐसा संदेह जताया जा रहा है कि कोझिकोड जिले में दो अप्राकृतिक मौतों के पीछे निपाह वायरस का ही हाथ हो सकता है। आपको बता दें कि दक्षिण भारत में निपाह वायरस का पहला मामला 19 मई 2018 को कोझिकोड जिले में ही सामने आया था। साल 2021 में भी इस वायरस के कारण केरल में कई मौतें दर्ज की गई थी।

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क्या है पूरा मामला?

सूत्रों के अनुसार केरल के स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार की रात एक बयान जारी करते हुए बताया कि एक निजी अस्पताल से बुखार के बाद दो लोगों की अप्राकृतिक मौत हुई है। ऐसा संदेह है कि इनकी मौत निपाह वायरस के कारण हुई है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इस घटना की सूचना मिलते ही एक उच्चस्तरीय बैठक की और स्थिति की समीक्षा की।

भारत में वायरस का पहला मामला

आपको बताते चलें कि दक्षिण भारत में निपाह वायरस का पहला मामला 19 मई 2018 को कोझिकोड जिले में ही सामने आया था। साल 2021 में भी इस वायरस के कारण केरल में कई मौतें दर्ज की गई थी। विश्व स्वास्थ संगठन के मुताबिक निपाह वायरस इंसानों में एसिम्प्टोमैटिक इंफेक्शन से लेकर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन और घातक इन्सेफलाइटिस का खतरा पैदा करता है। यह बीमारी जानवरों से इंसानों के बीच फैलती है। निपाह वायरस चमगादड़ और सूअर से इंसानों में फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आकर दूसरे लोगों को यह बीमारी हो सकती है।

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निपाह के लक्षण?

निपाह वायरस एसिम्प्टोमैटिक इंफेक्शन से लेकर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन और घातक इन्सेफलाइटिस तक हो सकता है। शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और गले में खराश शामिल हैं। इसके बाद चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ होना, मूड स्विंग, बेहोशी और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

WHO (विश्व स्वास्थ संगठन) के मुताबिक, निपाह वायरस इंसानों में एसिम्प्टोमैटिक इंफेक्शन से लेकर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन और घातक इन्सेफलाइटिस का खतरा पैदा करता है. यह बीमारी जानवरों से इंसानों के बीच फैलती है. निपाह वायरस चमगादड़ और सूअर से इंसानों में फैल सकता है. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आकर दूसरे लोग भी बीमारी का शिकार हो सकते हैं

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