साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं के बीच यहां बेस अस्पताल के पूर्व प्रमुख चिकित्साधिकारी के साथ लाखों की धोखाधड़ी होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जालसाज ने ट्रेजरी अफसर बनकर उनके खाते से 10 लाख से भी अधिक रकम पार कर दी। सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह रही कि ठगे जाने का पता चिकित्साधिकारी को अगले दिन लगा। जिसके बाद वह हल्द्वानी कोतवाली पहुंचे और तहरीर दी।
कोतवाली पुलिस ने मामला पंजीकृत कर जालसाज की तलाश शुरू कर दी है। मेडिकल कॉलेज टाइप फोर बी-वन निवासी डॉ. हरीश लाल बेस अस्पताल के पूर्व प्रमुख चिकित्साधिकारी हैं। डॉ. हरीश ने कोतवाली पुलिस को बताया कि दीपावली की सुबह करीब साढ़े आठ बजे उनके पास एक व्यक्ति का फोन आया और उसने खुद को ट्रेजरी अफसर बताया। इस जालसाज को डॉ. हरीश के पेंसन और रिटायरमेंट की पूरी जानकारी पहले से पता थी।
जिससे डॉक्टर जालसाज के झांसे में आ गए। उसने मांगने पर डॉक्टर ने अपना कर्मचारी कोड और रजिस्ट्रेशन नंबर जालसाज को बता दिया। जालसाज ने यह जानकारी डॉक्टर के मोबाइल पर एक फॉर्मेट भेज कर मांगी। जालसाज ने डॉक्टर को एक लिंक भी भेजा, जो खुद ही मोबाइल में डाउनलोड हो गया। जिसके बाद डॉक्टर के खाते से 10 लाख 50 हजार 400 रुपए कट गए, लेकिन इसकी जानकारी डॉक्टर को अगले दिन तब हुई जब वह स्टेट बैंक पहुंचे और बैंक स्टेटमेंट निकलवाई। जिसके बाद उन्होंने तत्काल अपना खाता फ्रीज कराया और कोतवाली पुलिस को तहरीर सौंपी।