
एक किसान ने मजबूरी में अपनी ही धान की फसल को आग लगा दी।
यह घटना सोमवार को ग्राम उधम सिंह नगर जिले के किच्छा दरऊ में हुई, जहां किसान चंद्रपाल आर्थिक तंगी और सरकारी खरीद बंद होने से बेहद परेशान था।
उसकी बेटी की शादी 15 दिन बाद होनी है और उसने बैंक से भी कर्ज ले रखा है. इसकी वजह से किसान मानसिक रूप से काफी परेशान चल रहा है।
धान की बिक्री न होने से हताश चंद्रपाल ने सरकारी क्रय केंद्र पर अपने धान के ढेर में आग लगाने की कोशिश की. मौके पर मौजूद अन्य किसानों ने तुरंत आग बुझा दी और बड़ा नुकसान होने से रोक लिया।
किसान चंद्रपाल ने बताया कि उसने लगभग 60 कुंतल धान दरऊ क्रय केंद्र पर 28 दिन पहले जमा की थी. केंद्र प्रभारी ने उसे यह कहकर लौटा दिया कि लिमिट पूरी हो चुकी है, इसलिए फिलहाल तौल नहीं हो सकती. पिछले एक महीने से वह रोज क्रय केंद्र के चक्कर लगा रहा है।
हर बार उसे मायूस लौटना पड़ रहा है. खुले बाजार में धान एमएसपी से बहुत कम दाम पर बिक रही है जिससे लागत भी नहीं निकल पा रही. बेटी की शादी का खर्च और बैंक का कर्ज चुकाने की चिंता ने उसे मानसिक रूप से तोड़ दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही कांग्रेस विधायक तिलक राज बेहड़ मौके पर पहुंचे और किसानों से मुलाकात की. उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही धान की खरीद शुरू नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा. विधायक ने कहा कि किसानों के धैर्य की परीक्षा ली जा रही है जबकि वे सालभर मेहनत करके फसल तैयार करते हैं।
जानकारी के अनुसार कुमाऊं मंडल में कुल 296 सरकारी धान क्रय केंद्र बनाए गए हैं. इनमें से 254 केंद्र उधमसिंह नगर जिले में हैं. फिलहाल जिले के सभी केंद्रों पर लिमिट पूरी होने के कारण तौल बंद है. आंकड़ों के अनुसार अब तक 6.58 लाख मीट्रिक टन के लक्ष्य में से 5.30 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है।
किसानों का कहना है कि दरऊ केंद्र खुलने के बाद से केवल नौ दिन ही तौल हुई, उसके बाद से 49 किसानों का लगभग चार हजार कुंतल धान खुले में पड़ा है. घटना के बाद किसानों ने तहसील पहुंचकर एसडीएम गौरव पांडे को ज्ञापन सौंपा।
एसडीएम ने कहा कि आरएफसी को खरीद की लिमिट बढ़ाने का अनुरोध भेजा गया है और जल्द ही तौल शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।


