उत्तराखंड में कलाकारों ने अपनी देवभूमि को देश भर में अपनी पहचान दिलाई ऐसे एक कलाकार दीपक कुमार सुयाल

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हल्द्वानी। उत्तराखंड में तमाम लोक कलाकारों ने देवभूमि को देशभर में अपनी पहचान दिलाई है। ऐसे ही तेजी से उभरते लोक कलाकार दीपक कुमार सुयाल के नैनीताल पर कतु भलै नैनीताल गीत का आजकल यूट्यूब चैनल व सोशल मीडिया पर कुमाऊंनी संस्कृति का धमाल मचा हुआ है। उभरता हुआ यह युवा कलाकार ओखलकांडा के सुई गांव के निवासी दीपक कुमार सुयाल है जो कुमाऊंनी संस्कृति को बचाए रखने त्रिभुवन द्वारा रचित झोड़ा चाचरी हूंडका की थाप यह गाना गाने में धमाल मचा रहा है। दीपक के अलावा नागेंद्र जोशी त्रिभुवन ने अपनी आवाज भी दी है। दीपक द्वारा अपनी संस्कृति को बचाए रखने के लिए आज के युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक हैं जिन्होंने अपने गीतों से उत्तराखंड की संस्कृति से जोड़ते हुए सभी का दिल जीता है। इस लोक कलाकार का बचपन से ही कुमाऊंनी गीतों के प्रति लगाव था। अपनी संस्कृति से यह लगाव ही हैं जो आज उनके सुरों के जादू के रुप में युवाओं के दिलों पर राज कर रहा है.

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