जिलाधिकारी विनीत कुमार ने जिला कार्यालय सभागर में आयोजित बाल मजदूर उन्मूलन के लिए गठित टास्क फोर्स समिति की बैठक की

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बाल श्रम न केवल अपराध है बल्कि एक ऐसी मनोवृत्ति भी है जो समाज में अनेक कुरितियों को पैदा करती है, इसलिए यह अतिआवश्यक है कि बाल श्रम उन्मूलन हेतु संबंधित विभाग संयुक्त टीम बनाकर जनपद में गहन छापेमारी करें, यह बात जिलाधिकारी विनीत कुमार ने जिला कार्यालय सभागर में आयोजित बाल मजदूर उन्मूलन के लिए गठित टास्क फोर्स समिति की बैठक की समीक्षा के दौरान कही। 
जिलाधिकारी ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी को कढ़े निर्देश जारी करते हुए कहा कि जनपद से बाल श्रम के पूर्ण उन्मूलन हेतु विशेष ध्यान देते हुए बाल श्रम एवं उन्मूलन हेतु नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही करें। इसके अतिरिक्त उन्होने श्रम प्रवर्तन अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद अंतर्गत अवस्थित होटल, ढावे, वर्कशाप, टी स्टॉल खडिया खदानों के साथ-साथ बाल श्रम संभावित क्षेत्रों/संस्थानों का विस्तृत विवरण तैयार करते हुए उन स्थान पर पुलिस व प्रशासन के सहयोग से उनका चिन्हिकरण कर समय-समय पर छापेमारी की कार्यवाही करें, और कहा कि यदि इन क्षेत्रों में इस तरह का कोर्इ मामला सामने आता है, तो संबंधित के खिलाफ निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये है कि श्रमिकों के पंजीकरण के लिये विशेष अभियान चलाया जाय, इसके लिये सभी विभागों के अधीन कार्य कर रहे मजदूरों का भी डाटा तैयार किया जाय तथा जिनका पंजीकरण नहीं हुआ उनका तत्काल पंजीकरण किया जाय, इसके लिये उन्होंने निर्देश दिये है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में विकास खण्डवार सीएससी के माध्यम से कैम्प लगवाये जाय तथा अधिक से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण कराया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये है कि सरकार द्वारा श्रमिकों एवं उनके बच्चों के लिये जो भी सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही है वह सुविधायें उन्हें अनिवार्य रूप से उपलब्ध करायी जाय। जिलाधिकारी द्वारा श्रम विभाग द्वारा पंजीकृत श्रमिकों को एवं र्इ कार्ड श्रमिकों को उपलब्ध करायी जा रही सहायता के लिये अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी जिसमें उनके द्वारा श्रमिकों को उपलब्ध करायी गयी सहायता जिसमें श्रमिकों के बच्चों की शिक्षा, विवाह, छात्रवृत्ति आदि के संबंध में उपलब्ध करायी गयी सहायता के संबंध में पूर्ण जॉच करते हुए इसकी जॉच आख्या तत्काल उपलब्ध कराने को कहा। जिलाधिकारी ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी को पेंसिल पोर्टल का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिये ताकि लोगों को पेंसिल पोर्टल के संबंध में जानकारी उपलब्ध हो सके इसके लिये उन्होंने जनपद के विभन्न चौराहों पर होर्डिग्स लगाने तथा पम्पलेट तैयार करते हुए इसका सभी होटलों, ढावे, वर्कशाप, टी स्टॉल आदि में व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाय ताकि लोगों को इसकी जानकारी हो और किसी भी प्रकार की बाल श्रम होने पर इसकी शिकायत पेंसिल पोटर्ल पर दर्ज करा सके। बैठक में जिलाधिकारी ने मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के संबंध में समाज कल्याण एवं स्वास्थ विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि चिन्हिकरण बच्चों के अनुरूप कैंप का आयोजन करायें जिसमें मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को दिव्यांग संबंधी प्रमाण पत्र दिये जा सकें, जिससे वह सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ ले सके। 

बैठक के दौरान श्रम प्रवर्तन अधिकारी सुरेश चन्द्र ने जिलाधिकारी को अवगत करााया कि जनपद में बाल श्रम को रोकने के लिए निरंतर प्रवर्तन की कार्यवाही की जा रही है, अभी तक बाल श्रम से संबंधित कोर्इ मामला प्रकाश में नहीं आया है।

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बैठक में पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल, जिला पंचायत राज अधिकारी बसंत मेहता, जिला समाज कल्याण अधिकारी हेम तिवारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 एन0एस0टोलिया, अधि0अधि0नगर पालिका बागेश्वर राजदेव जायसी, सदस्य बाल कल्याण समिति मोहन चन्द्र जोशी, तारा चन्द्र जोशी, सहित संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहें।

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