भारत में निर्वाचन आयोग के द्वारा 2 साल पहले दावा किया गया था कि उनकी वेबसाइट को कोई भी हैकर हैक नहीं कर सकता है लेकिन निर्वाचन आयोग का यह दावा झूठा साबित हो गया क्योंकि सहारनपुर के एक-एक करने नाही निर्वाचन आयोग की वेबसाइट को हैक किया बल्कि 10,000 से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड तक बना डाले । जब निर्वाचन आयोग की वेबसाइट हैक होने का मामला सामने आया तो देश में हड़कंप मच गया ।उसके बाद आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया गया है उसके बैंक खाते से साठ लाख रुपये का लेन देन भी मिला हैं। बताया जाता है कि मध्य प्रदेश के एक व्यक्ति के कहने पर यह खेल चल रहा था।
जानकारी के अनुसार दिल्ली से मिली एक खुफिया सूचना पर सहारनपुर में साइबर सेल ने एक युवक विपुल सैनी को दबोचा है। नामक युवक को गिरफ्तार किया है। हैकर ने बीसीए किया है। इसके खाते से 60 लाख रुपए का ट्रांजक्शन मिला है।साइबर सेल के अधिकारियों ने जानकारी दी कि मध्य प्रदेश के अरमान मलिक नामक व्यक्ति के कहने पर उसके साथ मिलकर विपुल सैनी ने भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट को हैक किया और उसके कहने पर वोटर आइडी कार्ड बनाए। सनसनीखेज बात तो यह है कि पिछले तीन महीने से वह इस काम में लगा हुआ था। जांच के दौरान साइबर सेल को पता चला कि अब तक दस हजार वोटर आई डी कार्ड वह बना चुका है।शुरूआती पूछताछ में विपुल ने बताया कि उसे एक कार्ड बनाने के सौ से दो सौ रूपए मिलते थे।
अरमान दिन में उसे कार्ड बनाने का टास्क भेजता था जिसे वह पूरा कर रात में भेज देता था। काम के आधार पर उसके बैंक खाते में पैसा आता था हालांकि, पुलिस ने इसका खुलासा नहीं किया कि राशि कहां से ट्रांसफर होती थी। विपुल के खाते में 60 लाख आए हैं।विपुल से दिल्ली की एजेंसी अब आगे पूछताछ करेगी। इस मामले में आतंकी कनेक्शन की दृष्टि से भी जांच करेगी। विपुल को बी वारंट पर ले जाया जायेगा।। मामला इतना संगीन है कि रात में ही बैंक खुलवा कर विपुल के खाते की जांच की गई जिसमें साठ लाख का ट्रांजेक्शन मिला।