चीमा की विधायकी को पूर्व विधायक व भाजपा नेता अग्रवाल की चुनौती, फैसला अदालत करेगी

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काशीपुर। भाजपा नेता व पूर्व विधायक राजीव अग्रवाल की मौजूदा भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा के विरूद्ध दायर याचिका को सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है। अब काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

आपको बता दें कि पूर्व विधायक राजीव अग्रवाल ने हाईकोर्ट में दायर चुनाव याचिका में कहा है कि भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में दिये गये कई गलत तथ्य दिये हैं। याचिकाकर्ता ने कहा है कि विधायक चीमा की पेन कार्ड में जन्मतिथि 8 जनवरी 1944 लिखी गई है। जबकि उनके पासपोर्ट में यह सात अप्रैल 1946 दर्ज है।यही नहीं विधायक चीमा ने सेल्स टैक्स की दस लाख की देनदारी की सूचना को भी छुपाया है। जिसकी शिकायत उसके द्वारा चुनाव के समय चुनाव अधिकारी से भी की गई थी। परंतु चुनाव अधिकारी द्वारा उनकी सुनवाई नहीं की गई। जिस कारण याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट की शरण में आना पड़ा है। याचिकाकर्ता की मांग है कि गलत तथ्य पेश करने के आधार पर उनका चुनाव निरस्त किया जाए।

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इस मामले में कल उच्च न्यायालय में मामले में विधायक हरभजन सिंह चीमा की ओर से आदेश सात नियम-11 के अंतर्गत एक प्रार्थना पत्र पेश किया गया। जिसमें उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता को चुनाव याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है।

लेकिन अदालत ने विधायक चीमा के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए उनके द्वारा दिये गये तथ्य को नकारते हुए उनके प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया और अब इस मामले में कल से नियमित सुनवाई की जायेगी। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई।

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