अफगानिस्तान के हालातों से आज हर कोई परिचित है।अफगानिस्तान में हालात हर बीतते दिन के साथ ही बदतर होते जा रहे हैं. तालिबान ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया है और हर तरफ बंदूक के साथ तालिबान के लड़के घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं अफगानिस्तान के हालात को देखते हुए वहां फंसे भारतीय सरकार से मदद मांग रहे हैं, ताकि वो अपने देश लौट सकें। उत्तराखंड से भी बड़ी संख्या में लोग नौकरी के लिए अफगानिस्तान गए हैं। इसमें से अधिकतर पूर्व सैनिक हैं। यह वहां दूतावासों के साथ ही विभिन्न कंपनियों में सुरक्षा में तैनात थे। जो लोग वापस लौट आए हैं, उनके परिजन राहत महसूस कर रहे हैं,
लेकिन दर्जनों लोग अब भी अफगानिस्तान में ही फंसे हैं। बता दें की बीते रोज अफगानिस्तान में फंसे उत्तराखंड के लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार ने पुलिस हेल्पलाइन डायल 112 शुरू किया जिस पर 18 अगस्त से 25 अगस्त तक कुल 56 पीड़ित परिवारों के मदद के लिए फोन कॉल आ चुके हैं. उत्तराखंड के कई लोग अब भी वहां फंसे हैं, इनके परिजन चिंतित हैं। वो प्रदेश सरकार से बड़ी उम्मीद लगाए हुए हैं।उत्तराखंड पुलिस हेल्पलाइन डायल 112 सेंटर के प्रभारी सब-इंस्पेक्टर भुवन पुजारा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा अफगानिस्तान में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने का विशेष अभियान 18 अगस्त से शुरू किया गया था. जिस पर 18 अगस्त से 25 अगस्त तक कुल 56 पीड़ित परिवारों के मदद के लिए फोन कॉल आ चुके हैं. इसमें सबसे अधिक देहरादून से 33 परिवारों के फोन मदद के लिए आए हैं उन्होंने बताया की प्रतिदिन आने वाले 8 से 10 पीड़ित परिवारों फोन कॉल्स से अफगानिस्तान में फंसे उनके लोगों के लोकेशन, फोन नंबर, पासपोर्ट नंबर और तमाम अन्य तरह की आवश्यक जानकारियों को एकत्र कर रोजाना उत्तराखंड सचिव गृह को मेल और फैक्स द्वारा भेजा जा रहा है आपको बता दें की उत्तराखंड के अलग अलग जिलों से लगभग 112 लोगों की सूची भी पुलिस को प्राप्त हुई है इनमे से 13 लोगों को डायल 112 के तहत मदद पहुंचाकर उत्तराखंड वापस लाया गया है.