देहरादून। उत्तराखंड में संभावित कोरोना की तीसरी लहर के दौरान पांच प्रतिशत बच्चों को ही संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आएगी। जबकि तीन प्रतिशत बच्चों को ऑक्सीजन बेड जबकि दो प्रतिशत बच्चों को आईसीयू की जरूरत पड़ सकती है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा आकलन रिपोर्ट तैयार की गई है। इसके अनुसार राज्य में महज दस प्रतिशत बच्चों को ही कोरोना संक्रमण के बाद अस्पताल जाने की नौबत आएगी। इसमें से पांच प्रतिशत बच्चे गंभीर संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। जिन्हें आईसीयू और ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत होगी। जबकि पांच प्रतिशत संक्रमण के बाद अस्पताल पहुंचेंगे लेकिन उनकी स्थिति ज्यादा नहीं बिगड़ेगी। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तृप्ति बहुगुणा द्वारा बुधवार को कोरोना की तीसरी लहर के दौरान संक्रमण की स्थिति और तैयारियों की समीक्षा की गई। इस दौरान अधिकारियों द्वारा उन्हें यह आकलन रिपोर्ट दी गई है। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में शून्य से 18 साल तक के कुल 38 लाख के करीब बच्चे हैं।
कोरोना की तीसरी लहर के दौरान पांच प्रतिशत बच्चों को ही संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आएगी
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