दीपावली की छुट्टियों पर घर जाने के लिए ट्रेन व बसों में उमड़ा यात्रियों का सैलाब, दिल्ली आइएसबीटी पर कम पड़ी बसें

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सभी को घर जाने की जल्दी। चाहे बस में पांव रखने की जगह ही क्यों न हो, लेकिन किसी तरह जिद्दोजहद कर बस में चढ़ गए और सफर खड़े रहकर तय किया। दीपावली मनाने को घर जाने वालों का यह नजारा आइएसबीटी पर देखने को मिला। बसें पूरी तरह फुल रहीं।

अतिरिक्त बसें भी कम पड़ गई
आगरा, लखनऊ, हल्द्वानी, बरेली समेत मुरादाबाद मार्ग पर यात्रियों की भीड़ सबसे ज्यादा रही। इस मार्ग पर लगाई गई अतिरिक्त बसें भी कम पड़ गई। दूसरी तरफ, रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों का यही हाल देखने को मिला। ट्रेन भी फुल रवाना हुईं।

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ट्रेन में भी यात्रियों की भारी भीड़
ट्रेन में लिंक एक्सप्रेस, दून एक्सप्रेस, काठगोदाम और मसूरी एक्सप्रेस में यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिली। यही नहीं, शुक्रवार को दिल्ली से आने वाले यात्रियों की संख्या भी हजारों में रही, इसके चलते दिल्ली आइएसबीटी पर बसें कम पड़ गई। दून से 20 खाली बसों को वहां भेजा गया और उनमें यात्री लाए गए।

शुक्रवार दोपहर से शुरू हो गई मारामारी
दीपावली की छुट्टियों पर घर जाने के लिए यात्रियों की मारामारी शुक्रवार दोपहर से ही शुरू हो गई थी। कर्मचारी दोपहर के बाद ही दफ्तर से निकल गए और परिवार समेत घर जाने को आइएसबीटी और रेलवे स्टेशन पहुंच गए। आइएसबीटी पर सबसे ज्यादा रैला लखनऊ और हल्द्वानी मार्ग की तरफ रहा। रोडवेज ने अतिरिक्त बसें लगाई थी, लेकिन यह भी कम पड़ती दिखी।

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वाल्वो व हाईटेक बसों की टिकट बुकिंग तो पहले से ही फुल थी। साधारण बसों में सीटें फुल हो जाने से यात्रियों को खड़े-खड़े ही सफर करना पड़ा। उत्तर प्रदेश रोडवेज ने भी करीब तीन दर्जन अतिरिक्त बसें लगाई थी। जिस कारण कुछ दबाव जरूर कम हुआ।

दून से कुमाऊं की तरफ जाने वाले यात्रियों की संख्या भी खासी अधिक रही। इस मार्ग पर बसें कम पड़ने पर यात्रियों ने मैक्सी या टैक्सी से सफर किया। शनिवार को हालात और भी खराब हो सकते हैं।

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डग्गामार वाहनों ने काटी चांदी
दीपावली पर बसें और ट्रेनें कम पड़ जाने से डग्गामार वाहनों की जमकर मौज आई। मैक्स, कैब, टैक्सी व प्राइवेट बस वालों ने यात्रियों को जमकर लूटा। तीन सौ रुपये के किराये वाले सफर के डग्गामार वाहनों के चालकों ने साढ़े चार सौ से पांच सौ रुपये तक वसूले।

मजबूरी में यात्रियों को इनकी मनमानी सहन करनी पड़ी। शुक्रवार सुबह से रात तक डग्गामार वाहन दौड़ते रहे, पर जिम्मेदार सरकारी महकमों ने इन्हें पकडऩे की जहमत नहीं उठाई।

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