हल्द्वानी में मुखानी चौराहे पर फ्लाईओवर बनने का मामला सिर्फ एक हवा बनकर ही रह गया है। बता दें कि समय-समय पर इसके लिए कड़ी मशक्कत की गई। लेकिन अब तक बात आगे नहीं बढ़ पाई। 2019 में जब हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे तो लोनिवि ने मुखानी से अतिक्रमण भी हटाया था। फ्लाईओवर के लिए शासन से 18 लाख रुपए मांगे थे। लेकिन बजट नहीं मिला तो फ्लाईओवर के सर्वे का काम भी अटक गया।दरअसल 2019 में मुखानी चौराहे के अतिक्रमण और फ्लाईओवर का मामला हाईकोर्ट तक जा पहुंचा था। हाईकोर्ट तक मामला पहुंचा तो प्रशासन भी एक्शन मोड में आ गया। तब जाम की मुख्य वजह जो कि अतिक्रमण थी, इसे चिन्हित कर 71 कब्जों को हटाया गया। फ्लाईओवर निर्माण के लिए लोनिवि ने देश भर की कंपनियों को आमंत्रित किया।
जानकारी के अनुसार इस लिस्ट में फरीदाबाद की क्राफ्ट इंडिया व गुजरात की ट्रांस लिंक को अंतिम 2 नामों में शामिल किया गया था। जिसमें से फरीदाबाद की कंपनी को काम दिया गया। कंपनी ने साढ़े तीन लाख रुपए के बजट का काम भी किया। लेकिन जब लोनिवि ने शासन से 18 लाख रुपए की मांग की, जो की डिजाइन तैयार करने के लिए जरूरी थे। तो प्रशासन बजट मुहैया नहीं करा पाया। इसलिए ये मामला केवल फाइलों में ही दब कर रह गया।आपको याद दिला दें की आईएएस धीराज गर्ब्याले ने जब नैनीताल जिला अधिकारी का पद संभाला था तो उन्होंने कहा था उनकी प्राथमिकता नैनीताल रोड, कालाढूंगी रोड, मुखानी रोड पर फ्लाईओवर बनाना है। जिसके लिए उन्होंने लोनिवि को निर्देश भी दिए। लोनिवि ने भी सर्वे कंपनी को आमंत्रित करने के लिए टेंडर आमंत्रित किए। टेंडर में करीब 7 कंपनियों ने सर्वें करने पर सहमति जताई। लेकिन प्रशासन से बजट नहीं मिलने के कारण सर्वे नहीं हुआ।