चम्पावत:-
कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जारी दिशा निर्देशों का हर हाल में अनुपालन कराएं। यह निर्देश प्रदेश के मा0 मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार देर सायं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को दिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना का यह दूसरा फेज भी पहले चरण की भांति भले ही चुनौतीपूर्ण है, लेकिन सामूहिक प्रयासों से इस पर काबू पाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। कोरोना जांच और टीकाकरण के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जांच और टीकाकरण में किसी को भी दिक्कत न आए। कोविड मरीजों के इलाज के लिए डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों में बेड की संख्या में कोई कमी नहीं आनी चाहिए और भर्ती मरीजों को सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए।
मा0 मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोरोना से बचाव के कार्यक्रमों में किसी भी स्तर पर लापरवाही अक्षम्य होगी। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना से बचाव के लिए स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देने की हिदायत दी। उन्होंने कहा सभी जिलों के डीएम और सीएमओ कोरोना के संबंध में नियमित समीक्षा करें। जांच और टीकाकरण पर फोकस करते हुए कोरोना का फैलाव रोकने की दिशा में ठोस कार्यवाही करें।
उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जो लोग मास्क सही तरीके से नहीं पहन रहे हैं या सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन कर रहे हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने परीक्षाओं को स्थगित करने तथा कॉलेजों में केवल ऑनलाइन क्लासेज की अनुमति देने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जागरूकता पर फोकस करें, टेस्टिंग की संख्या बढ़ाएं और वैक्सीनेशन अभियान में भी तेजी लाएं। उन्होंने होम आइसोलेशन की प्रभावी रणनीति बनाने, होम आइसोलेट हुए लोगों को समुचित व्यवस्थाएं देने और उन पर नजर रखने के साथ साथ कोविड केयर सेंटरों को मजबूत करने के भी निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में बेड की कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग बढाये जाने पर जोर देने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के जनजागरुकता सबसे प्रभावी माध्यम है।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कोविड-19 महामारी की रोकथाम की तैयारी व कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रदेश में प्रोएक्टिव होकर काम करने को कहा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी जिलाधिकारी अपनी तैयारियां चाक चौबंद रखें। कोविड कंट्रोल रूम को पुनः शत प्रतिशत एक्टिव करे।
सभी जिलों में टेस्टिंग बढ़ाई जाए। कनटेनमेंट जोन की शत प्रतिशत टेस्टिंग हो। साथ ही बफर जोन की भी टेस्टिंग की जाए। प्रदेश के बोर्डरो पर सख्ती बरते बिना कोविड नेगेटिव रिपोर्ट के बिना किसी को भी प्रदेश में एंट्री ना दे। होटल, रेस्टोरेंट सहित भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन सुनिश्चित किया जाए। कोरोना सम्बंधित अफवाओं को फैलने से रोके तथा अफवाह फैलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें।बिना मास्क वाले लोगों का चालान काटे और साथ ही मास्क भी बांटे।
मुख्य सचिव ने कहा कि बिना जनता के सक्रिय सहयोग के कोरोना को पूर्ण रूप से परास्त नहीं जा सकता। कोरोना को पूर्ण रूप से समाप्त करने के लिए यह जरूरी है कि हर व्यक्ति यह संकल्प ले कि वह अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करेगा तथा फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करेगा अर्थात एक दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाए रखेगा। इसी के माध्यम से संक्रमण की चेन टूटेगी। कोविड कन्ट्रोल रूम में रियल डाटा एंट्री करें। वेक्सिनेशन के लिए लोगो को अधिक से अधिक प्रेरित करे। इसके लिए जन जागरूकता फैलाये।
समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी विनीत तोमर ने बताया कि जनपद में शत प्रतिशत सैम्पलिंग का कार्य किया जा रहा हैं। साथ ही हेल्थ वर्कर्स की ट्रेनिंग भी शुरू कर दी गयी हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस अधीक्षक लोकेश्वेर सिंह, अपरजिलाधिकारी त्रिलोक सिंह मर्तोलिया, मुख्य चिकित्सा अधिकारी आर0पी खण्डूरी, जिला विकास अधिकारी संतोष कुमार पन्त, एसीएमओ इंद्रजीत पांडे व चिकित्सा अधिकारी श्वेता खर्कवाल जुड़े रहे।