उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बुधवार को बिना विधानसभा सत्र के भी चहल पहल नजर आई. सीएम धामी ने दिन में यहां उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित भू कानून पर विचार विमर्श किया. इसके साथ ही पलायन निवारण आयोग की बैठक की अध्यक्षता की. वहीं रात्रि विश्राम के दौरान स्थानीय लोगों की समस्याओं का सुना, इस तरह बुधवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी एक बार फिर प्रदेश के राजकाज का केंद्र बिंदू बनी रही.
आमतौर पर बजट सत्र के दौरान ही आती थी चहल पहल नजर
ग्रीष्मकालीन राजधानी में आमतौर पर बजट सत्र के दौरान ही चहल पहल नजर आती है. लेकिन बुधवार को भराडीसैंण विधानसभा परिसर एक बार फिर दिनभर राजकाज में डूबा रहा. सीएम धामी ने यहां बुधवार को सबसे पहले उच्चाधिकारियों और सेवानिवृत अधिकारियों के साथ उत्तराखंड के लिए प्रस्तावित भू कानून पर लंबा मंथन किया.
इसके बाद, पहाड़ों में पलायन रोकथाम के उद्देश्य से गठित पलायन निवारण आयोग की बैठक की अध्यक्षता की, इसके तत्काल बाद उन्होंने राज्यस्तरीय ग्रामीण उद्यमिता विकास कार्यशाला में प्रतिभाग किया, जिसमें प्रदेश के सभी हिस्सों से महिला स्वयं सहायता समूहों की प्रतिनिधि और ग्रामीण उद्यमी शामिल हुए. सीएम धामी ने कार्यशाला में सभी के अनुभव और सुझावों का सुना.
स्थानीय लोगों से मुलाकात कर सीएम ने सुनी उनकी समस्या
यही नहीं, मुख्यमंत्री ने बुधवार को रात्रि विश्राम भी भराड़ीसैंण में ही किया. इस दौरान भी उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना. बता दें अभी तक पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने बिना विधानसभा सत्र के भराड़ीसैंण में रात्रि विश्राम किया है. इससे अधिकारियों को ग्रीष्मकालीन राजधानी को लेकर स्पष्ट संदेश गया है