श्रीनगर: उत्तराखंड पूरे देश भर में अपने पर्यटन के लिए जाना जाता है. सरकार भी पर्यटन की गतिविधियों को बढ़ाने के लाख दावे करती है, लेकिन कुछ तस्वीरें ऐसी हैं, जो सरकार दावों की पोल खोल रही हैं. दरअसल मानसून सीजन में भी गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) पौड़ी का टूरिस्ट रेस्ट हाउस बदहाली के दौर से गुजर रहा है. यहां टूरिस्ट रेस्ट हाउस की दीवारों पर जगह-जगह दरारें आ चुकी हैं, जो बड़े हादसे को न्योता दे रही हैं.
जीएमवीएन ऑनलाइन बुकिंग पर लगाई रोक
हालांकि इन दिनों जीएमवीएन ने पर्यटकों के लिए ऑनलाइन बुकिंग करने पर रोक लगाई है, जिसकी वजह से पर्यटन विभाग और जीएमवीएन की पार्किंग स्थल का निर्माण कार्य हो रहा है. वहीं, अगर ऑनलाइन बुकिंग चालू रहती, तो पर्यटकों का यहां ठहरना किसी खतरे से खाली नहीं था. दरअसल बीते लंबे समय से जीएमवीएन का टूरिस्ट रेस्ट हाउस इसी बदहाल हालत में है. इस बार भी चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले टूरिस्ट रेस्ट हाउस की हालत को सुधारने के लिए जीएमवीएन प्रबंधन ने बजट मांगा था, लेकिन बजट न मिलने के कारण आज भी जीएमवीएन खतरे की जद में है.
जीएमवीएन के एमडी को लिखा गया पत्र
गढ़वाल कमिश्नर विजय शंकर पांडे ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए जीएमवीएन के एमडी को एक पत्र भेजा है, जिसमें टूरिस्ट रेस्ट हाउस की मरम्मत से लेकर सुधारीकरण की बात कही गई है. अब यह तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा कि आखिरकार कब पौड़ी का जीएमवीएन रेस्ट हाउस अपनी बदहाली से छुटकारा पा सकता है.
सरकार के दावों की खुली पोल,अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा GMVN पौड़ी का टूरिस्ट रेस्ट हाउस
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