हल्द्वानी। एक बाद फिर उत्तराखंड (Uttarakhand) का नाम राष्ट्रीय स्तर पर हल्द्वानी शहर की महिला कुसुम पांडे रोशन किया है। शनिवार को दिल्ली में आयोजित एक समारोह में उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने कुसुम पांडे को दृश्य कला के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए ललित कला अकादमी ( Lalit Kala Akademi) के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है।
संगीत नाटक अकादमी व ललित कला अकादमी की ओर से शनिवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया था। वहां पर देशभर के कला व संगीत क्षेत्र की हस्तियों को पुरस्कृत किया गया। इसमें हल्द्वानी गौजाजाली की रंगगीत आर्ट सेंटर की संचालिका कुसुम पांडे ( Kusum Pandey ) को 62वां राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी पुरस्कार के रूप में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
देशभर से 20 लोगों के नाम की सूची तैयार की गई थी, जो कला के क्षेत्र में देश का नाम रौशन कर रहे हैं। सभी को 62वीं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी के मौके पर सम्मानित करते हुए सम्मान के तौर पर दो लाख रुपये नकद, ताम्रपत्र और शॉल भेंट किया गया। इस लिस्ट में कलाकार चित्रकला, मूर्तिशिल्प, ग्राफिक, फोटोग्राफी क्षेत्र में कार्य कर रहे लोग शामिल रहें।
आपको बता दे कि, दृश्य कला के अंतर्गत छापाकला में कुसुम पांडे ने राष्ट्रीय स्तर पर अपने काम से पहचान बनाई है। यह सम्मान उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू के अलावा संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी, संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की ओर से प्रदान किया गया है।
इससे पहले भी उन्हें 35 से अधिक राष्ट्रीय व राज्य पुरस्कार मिल चुके हैं। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में भी उनकी कला को खूब सराहना मिल चुकी है। छापाकला में यह पुरस्कार हासिल करने वाली उत्तराखंड की पहली महिला हैं।
कुसुम पांडे की पेंटिंग से लोक संस्कृति की मिलती है झलक (painting of kusum pandey)
कुसुम पांडे एमबीपीजी कॉलेज के बाद आइकेएस छत्तीसगढ़ और दिल्ली कॉलेज आफ आर्ट से स्नातकोत्तर हैं। उनकी पेंटिंग में उत्तराखंड की महिलाओं के संघर्ष, संस्कृति, परिधान से लेकर व्यक्तित्व की झलक मिलती है।