देहरादून : हरीश रावत ने बीते दिनों बैलेट पेपर में एक ही सैनिक द्वारा मुहर लगाते हुए का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था जिससे सियासी भूचाल आ गया था. ये वीडियो पिथौरागढ़ के डीडीहाट का बताया गया और वहां मुकदमा दर्ज किया गया। कुमाऊं रेजीमेंट ने साफ किया था कि वो वीडियो उनकी रेजीमेंट का नहीं है। वहीं एक बार फिर से हरीश रावत ने बैलेट पेपर को लेकर बड़ा आरोप लगाया है।
हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जलिए अपना दर्द बयान किया। हरीश रावत ने लिखा इस ट्वीट को करने में मैं बहुत कष्ट महसूस कर रहा हूं, क्योंकि ये सीधे मेरी चुनावी संभावनाओं से जुड़ा हुआ है। मगर सत्यता है सभी संबंधित लोगों के ध्यान में यह तथ्य लाया जा चुका है जिनमें जिला निर्वाचन अधिकारी, सहायक निर्वाचन अधिकारी आदि भी सम्मिलित हैं। 56-लालकुआं विधानसभा क्षेत्र के पोस्टल बैलट उन आवेदकों तक नहीं पहुंचे हैं जिन्होंने इस हेतु आवेदन किया है जो साधारण प्रक्रिया है पुलिस में आवेदन करने की, उनकी तरफ से कमांडेंट लिस्ट भेजते हैं और वो अपनी इच्छा, अपने कमांडेंट को बता देते हैं। रूद्रपुर में दो वाहनियां हैं और उन वाहनियों में एक बड़ी संख्या में वोटर लालकुआं क्षेत्र में रहते हैं और पुलिस व पीएसी में सेवारत हैं, वो अपना वोट/मतपत्र ढूंढने के लिए भटक रहे हैं, हम तक भी जानकारियां पहुंची हैं।
आगे हरीश रावत ने लिखा कि मैंने और मेरे सहयोगियों ने अपने-अपने तरीके से यह बात संबंधित लोगों तक पहुंचा दी है, मगर आज 1 मार्च है अभी तक बड़ी संख्या में ऐसे पी.ए.सी. और पुलिस कर्मियों के बैलेट पेपर उन तक नहीं पहुंचे हैं और कब उन तक पहुंचेंगे! और कब वो अपने मतदान के अधिकार का उपयोग कर सकेंगे, यह तो चुनाव आयोग ही जानता है! केवल एक-दो क्षेत्रों को चिन्हित किया जाना और उनमें वोट डालने के लिए इच्छुक कर्मियों तक मतपत्र का न पहुंचना कई तरह के संदेहों को जन्म देता है, क्या माननीय चुनाव आयोग इस बात का संज्ञान लेना चाहेगा? आखिर कोई तो है जो लोगों को अपने मतदान के अधिकार का उपयोग करने से रोक रहा है!
यदि यह आशंका जो व्यक्त की जा रही है, सही है तो फिर यह एक दंडनीय अपराध है।
लोकतंत्र जिंदाबाद,
हरीश रावत,
कांग्रेस प्रत्याशी,
56-लालकुआं विधानसभा