लोहाघाट(चम्पावत)। लोहाघाट की मशहूर लोहे की कढ़ाई के लिए अब पूर्व सीएम हरीश रावत ब्राण्ड एम्बेस्डर बन गए हैं। उन्होंने वीर कालू सिंह महरा चौक में कैलाश राम द्वारा लगाए गए कढाइयों के स्टॉल में जाकर उनकी पीठ थपथपाई। रावत ने कहा कि कैलाश ने लोहाघाट की सौगात कही जाने वाली हाथ से बनने वाली कढ़ाइयों के हस्त उद्योग को जिन्दा रखा है। रावत का कहना था कि यहा कि कढ़ाइयों की कई खुबियां हैं। इसमें भोजन बनाने से प्राकृतिक रूप से लौह तत्व मिलते हैं। सालों साल चलने वाली यह कढ़ाई को राख व नीबू से धोने पर यह चमकने लगती है। मुख्यमंत्री के रूप में वे कैलाश के पिता पुष्कर राम को उत्तराखण्ड शिल्प रत्न पुरष्कार से सम्मानित कर चुके हैं। राज्यपाल द्वारा भी कैलाश की कढ़ाइयों के लिए उन्हें पुरस्कृत किया जा चुका है। मालूम हो कि रावत पहाड़ी मडुआ, मांदरा, गहत, भट, चौलाई जैसे उत्पादों को घर-घर की पसंद बना चुके हैं। इधर कैलाश की कढ़ाई अब महाराष्ट्र के राजभवन में भी दस्तक दे चुकी है। राज्यपाल भगत सिंह कौश्यारी भी लोहाघाट की हाथ से बनी कढ़ाई के काफी मुरीद हैं। उनके द्वारा भी यहां कि कढ़ाइयों की खूबियां गिनाने से मुम्बई आदि स्थानों से यहां आने वाले लोग कैलाश की हाथ से बनी कढ़ाई को सौगात के रूप में ले जाना नहीं भुलते।
हरीश रावत ने लोहाघाट की मशहूर हाथ की बनी कढ़ाई सिर में रखकर लोगों को बताई खूबियां
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