जंगलों की आग पर हाईकोर्ट सख्त, प्रमुख वन संरक्षक को कोर्ट में पेश होने के दिए आदेश

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नैनीताल। हाइकोर्ट ने प्रदेश के जंगलों में लग रही आग का स्वत: संज्ञान लेकर प्रमुख वन संरक्षक को कल (आज) सवा दस बजे व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश होने के आदेश दिए हैं। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई। मामले के अनुसार कोर्ट ने इन द मैटर आफ प्रोटेक्शन आफ फारेस्ट एरिया फारेस्ट हेल्थ एंड वाइल्ड लाइफ जनहित याचिका के स्वत: संज्ञान लिया है। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली व राजीव बिष्ठ ने कोर्ट के सम्मुख प्रदेश के जंगलों में लग रही आग से अवगत कराया। उनका कहना था कि प्रदेश के जंगल आग से जल रहे हैं और प्रदेश सरकार इस सम्बंध में कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

जबकि हाइकोर्ट ने 2016 में जंगलों को आग से बचाने के लिए गाइड लाइन जारी की थी। कोर्ट ने गांव स्तर से ही आग बुझाने के लिए कमेटियां गठित करने को कहा था जिस पर आज तक अमल नहीं किया गया। सरकार आग बुझाने के लिए हेलीकाप्टर का उपयोग कर रही है उसका खर्चा बहुत अधिक है और पूरी तरह से आग भी नहीं बुझती है। इसके बजाय गांव स्तर पर कमेटियां गठित की जाय। कोर्ट ने अखबारों में आग को लेकर छपी खबरों का गम्भीरता से संज्ञान लिया। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आग बुझाने के लिए क्या-क्या उपाय किये जा रहे हैं। इस सम्बंध में कोर्ट को कल बुधवार को अवगत कराएं। 

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