हिमालय दे रहा बड़ी चेतावनी! इन शहरों पर मंडरा रहा सबसे ज्यादा खतरा

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हम आए दिन सुनते हैं की धरती का तापमान बढ़ रहा है, हिमालय पिघल रहे हैं, ग्लोबल वार्मींग हो रही है। लेकिन क्या आपने ये सोचा है की हिमालय के पिघलने के बाद जो पानी आता है उससे समुद्री स्तर कितना बढ़ सकता है और तटीय इलाकों को क्या-क्या नुक्सान हो सकता है। अगर हिमालय तेजी से पिघलने लगे तो धरती का क्या हाल होगा? क्या धरती का तापमान बढ़ने से हिमालय से लेकर समुद्र तक प्रलय आ जाएगी? क्या होगा जब हिमालय अपनी प्रचंड जटाएं खोलकर पानी बहाएगा? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिलेंगे।


दरअसल हिमालय का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके कई कारण हैं जैसे जंगलों की आग, ग्लोबल वार्मिंग, डिफोरेस्टेशन आदि। गर्मीयों में हमारे साथ हिमालय के भी पसीने छूटने लगते हैं, पिघलते ग्लेशियर्स के रूप में। जिससे हिमालयी राज्यों में ग्लेशियल लेक्स बनती हैं और फ्लैश फ्लड जैसे हालात पहाड़ी राज्यों में देखने मिलते हैं। उदाहरण के लिए केदारनाथ की चौराबारी झील को ले सकते हैं।

हिमालयी राज्यों में लाएगा तबाही
वैज्ञानिकों की मानें तो अगर हिमालय का तापमान साल 2100 तक डेढ़ डिग्री और बढ़ गया तो आधे से ज्यादा हिमालयी ग्लेशियर खत्म हो जाएंगे और काफी सारे ग्लेशियल लेक्स बन जाएंगी जब बारिश तेज होगी या बादल फटेंगे तब तो यहां ग्लेशियल लेक्स आउटबर्सट होगा जो हिमालयी राज्यों में तबाही ले आएगा।

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पानी में डूब जाएंगे कई शहर!
इसका तटिय राज्यों और समंदर से भी कनेंक्शन है। पहाड़ों की ये तबाही समंदर में आपदा ला सकती है। जिस हिसाब से गर्मी बढ़ रही है। ऐसे में western disturbance तेजी के साथ आते हैं। गर्मी के बढ़ने की वजह से बारिश का पैटर्न तक बदलने लगा है।
बारिश के पैटर्न बदलने के साथ ही हिमालयी राज्यों में फ्लैश फ्लड का भी खतरा बढ़ने लगा है। कई रिपोर्टस में इसका खुलासा किया गया है। जब ये पानी बहकर नीचे मैदानों की तरफ आएगा तो ये ना तटीय और ना ही मैदानी इलाकों को बक्शेगा। इसी के साथ हिमालय की इस तबाही से समुद्र का स्तर भी बढ़ने लगेगा जिससे कई शहरों को डूबने का खतरा है।

cities at risk
इन शहरों के डूबने का खतरा

वैज्ञानिकों की मानें तो अगर साल 2100 तक समुद्री जलस्तर बढ़ता रहेगा तो मुंबई की कम से कम 1000 इमारतों पर असर पडना तय है। RMSI ने बीते साल जुलाई में एक स्टडी कर ये खुलासा किया था की मुंबई में हाई टाइड की वजह से 2490 इमारतें और 126 किमी लंबी सड़क पानी में समा जाएगी। से सिर्फ मुंबई की ही बात नहीं है। बल्कि बढ़ते समुद्री जलस्तर से कई और शहरों को भी खतरा है। चलिए आपको बताते हैं की कौन-कौन से हैं वो शहर जो खतरे की जद में हैं।

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चेन्नई शहर का तटीय इलाका 1.87 फीट तक पानी में डूब जाएगा
मुंबई शहर का 1.90 फीट समंदर में डूबेगा….
तूतीकोरीन का शहरी इलाका 1.90 फीट पानी में चला जाएगा
विशाखापट्टनम 1.77 फीट पानी में डूब जाएगा
भावनगर 2.70 फीट पानी के अंदर होगा
कोच्चि शहर तो अगले 26 साल में डूबने की कगार पर है
बैंगलोर, कोलकाता और तिरुवनंतपुरम 2050 तक पानी में डूब जाएंगे

चक्रवातों और तूफानों की संख्या में होगा इजाफा

साथ ही आपको बता दें की उत्तरी हिंद महासागर में साल 1874 से 2004 के बीच हर साल 1.60 से 1.75 mm की गति से समुद्र का जलस्तर बढ़ा है। साल 1894 से लेकर 2005 तक हिंद महासागर करीब एक फिट ऊपर आ चुका है।
मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो समुद्री जलस्तर बढ़ने की वजह से ग्लोबल वॉर्मिंग और भी बढ़ रही है। अगर ऐसा ही रहा तो इससे पश्चिमी तटों पर चक्रवात और तूफान भी बढ़ेगें। कहा जा रहा है की साल 2050 तक धरती का तापमान अगर दो डिग्री सेल्सियस और बढ़ जाता है तो पश्चिमी तटों पर इन चक्रवातों और तूफानों की संख्या में काफी इजाफा हो जाएगा।

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वैज्ञानिकों ने भी दी चेतावनी
वैज्ञानिकों ने चैताया है कि अगर हमने प्रदूषण पर विराम नहीं लगाया तो सारी धरती को बढ़ते तापमान और अनियंत्रित मौसमों का सामना करना पड़ेगा। जलवायु परिवर्तन सिर्फ किसी एक देश की समस्या नहीं है बल्कि ये सारी धरती की परेशानी है। सोचिए ये तो हम सिर्फ भारत के हिमालय की बात कर रहे थे। लेकिन अगर पोल्स की बर्फ पिघलेगी तो समुद का जलस्तर कितना बढ़ जाएगा। हो सकता है की आने वाले समय में कई देश ऐसे ही पानी में डूब जाएं

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