उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हरिद्वार बाईपास रोड में रिस्पना पुल के समीप स्थित अंग्रेजी शराब की दुकान को हटाए जाने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए दुकान हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है और मुख्य सचिव(चीफ सैकेट्री)से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है।
न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने चीफ सैकेट्री से पूछा है कि एक ही व्यक्ति को आबकारी आयुक्त और सचिव कैसे नियुक्त किया है ? आयुक्त के आदेश का सरकार रिब्यू कर सकती है, लेकिन आयुक्त के आदेश को सुनने के लिए आपने कैसे उसी व्यक्ति को सचिव का चार्ज भी दे दिया ?
मामले के अनुसार देहरादून निवासी अवनीश छेत्री ने उच्च न्यायलय में याचिका दायर कर कहा कि उनको हरिद्वार बाईपास में रिस्पना पुल के नजदीक अंग्रेजी शराब की दुकान का लाइसेंस दिया गया था। लेकिन आसपास के लोगों ने उसे हटाने के लिए जिलाधिकारी से शिकायत की। उस शिकायत पर जिलाधिकारी ने दुकान हटाने के आदेश दिए। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने आबकारी आयुक्त के वहाँ अपील दायर की। आयुक्त ने उनकी अपील को खारीज कर दिया।
इस आदेश के खिलाफ उन्होंने उच्च न्यायलय में याचिका दायर की, जिसपर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए दुकान हटाने के आदेश पर रोक लगा दी। मामले में चार सप्ताह बाद अगली सुनवाई होनी तय हुई है।