
Jemimah Rodrigues : बीते दिन यानी 30 अक्टूबर को टीम इंडिया ने इतिहास रच दिया। ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में हराकर टीम विश्व कप के फाइनल (icc womens odi world cup) में पहुंच गई है। इस दौरान जेमिमा रोड्रिग्स ने एतिहासिक शतकीय पारी खेलकर टीम को फाइनल में पहुंचाया।
127 रनों की नाबाद पारी के दम पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया को सेमीफाइनल में पांच विकेट से हराया। मैच जिताऊ पारी खेलने के बाद जेमिमा के आंखों में आंसू थे। वो फफक कर रो रही थीं। जीत के बाद वो अपने इमोशन्स को कंट्रोल नहीं कर पाईं। उन्होंने बताया कि वो इस टूर्नामेंट में हर दिन रोई हैं। जिसके बाद उन्होंने फैंस और भगवान का धन्यवाद भी दिया।
ऐतिहासिक शतक के बाद क्यों फफक कर रोने लगीं Jemimah Rodrigues?
जेमिमा रोड्रिग्स की नाबाद 127 रनों की पारी के दम पर भारत महिला वनडे वर्ल्ड कप के नॉकआउट मुकाबले में 300 से अधिक का सफल चेज किया है। भारत तीसरी बार वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचा है। जीत के बाद वो काफी इमोश्नल हो गई थी। साथ ही फफक कर रो भी रही थी।
भगवान और फैंस का किया शुक्रिया
जीत के बाद ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए जेमिमा ने कहा,”मैं यीशु को धन्यवाद देना चाहती हूं, मैं अकेले ऐसा नहीं कर सकती थी. मैं अपनी मां, पिता, कोच और हर उस व्यक्ति को धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया. पिछले महीने यह वास्तव में कठिन था, यह एक सपने जैसा लगता है और यह अभी भी पूरा नहीं हुआ है.”
जेमिमा ने आगे कहा,”मुझे नहीं पता था कि मैं तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी कर रही हूं। मैच में आने से पांच मिनट पहले, मुझे बताया गया कि मैं तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी कर रही हूं। यह मेरे बारे में नहीं, मैं भारत के लिए ये मैच जीतना चाहती थी और इसे अंजाम तक पहुंचाना चाहती थी।”
दौरे के दौरान मैं लगभग हर दिन रोयी हूं-जेमिमा
जेमिमा ने कहा,”आज का दिन मेरे अर्धशतक या शतक के बारे में नहीं था, भारत को जीत दिलाने के बारे में था। अब तक जो कुछ भी हुआ, वह इसी की तैयारी थी। पिछले साल मुझे इस विश्व कप से बाहर कर दिया गया था। मैं अच्छी फॉर्म में थी। लेकिन चीजें एक के बाद एक घटती गईं और कुछ भी कंट्रोल नहीं हो सका। इस दौरे के दौरान मैं लगभग हर दिन रोयी हूं। मानसिक रूप से ठीक नहीं रहना, चिंता से गुजरना. मुझे पता था कि मुझे दिखाना होगा और भगवान ने हर चीज़ का ख्याल रखा।”
फफक कर रोने से खुद को नहीं रोक पाईं जेमिमा
आगे उन्होंने कहा, “शुरुआत में, मैं सिर्फ खेल रही थी और मैं खुद से बात करती रहती हूं। आखिर में बस मैं बाइबिल में लिखी हुई वह बात याद कर रही थी कि चुपचाप खड़े रहो और खुदा मेरे लिये लड़ेगा। मैं वहीं खड़ा रही और वह मेरे लिए लड़े। मेरे अंदर बहुत कुछ बचा हुआ था, लेकिन शांत रहने की कोशिश कर रहा थी।भारत को पांच विकेट से जीतता देख मैं खुद को रोक नहीं सकी।”
‘ये महीना काफी कठिन था ‘- जेमिमा
उन्होंने कहा,”मैं अपनी मां, पिता और कोच और मुझ पर भरोसा रखने वाले हर इंसान को धन्यवाद देना चाहती हूं. यह महीना काफी कठिन था और यह सपने जैसा लग रहा है। दीप्ति लगातार मेरी हौसलाअफजाई करती रही। रिचा आई और मुझे उठा लिया।”
जेमिमा ने कहा,”मेरे साथी खिलाड़ी मेरा हौसला बढाते रहे। मैं इस पारी का श्रेय नहीं ले सकती। मैने खुद कुछ नहीं किया। दर्शकों में से हर एक ने मेरी हौसलाअफजाई की और हर रन पर मेरा उत्साह बढाया।


