उत्तराखंड हमेशा से नौकरशाहों की ऐशगाह रहा है। अक्सर यहां नौकरशाहों पर सरकार को अपने तरीके से चलाने का आरोप भी लगता रहा है। एक बार फिर पिछले कुछ दिनों से एक आईएएस चर्चा में हैं। फिलहाल उन्हें हाईकोर्ट के निराशा हाथ लगने के बाद विजिलेंस के सामने पेश होना पड़ा है।
जी, ये आईएएस हैं राम बिलास यादव। राम बिलास यादव पिछले कई दिनों से विजिलेंस के रडार पर हैं। उनके घर पर छापेमारी भी हो चुकी है। उनके ऊपर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। विजिलेंस उन्हे पूछताछ के लिए बुलाना चाहता था लेकिन राम बिलास यादव लगातार पूछताछ से बचते रहें हैं।
विजिलेंस पूछताछ से छुटकारे के लिए राम बिलास यादव ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन वहां से उन्हें निराशा हाथ लगी। हाईकोर्ट ने पूछताछ के लिए विजिलेंस के सामने पहुंचने के निर्देश दिए। आखिरकार राम बिलास यादव बुधवार को विजिलेंस दफ्तर पहुंचे।
हालांकि इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कोई बातचीत नहीं की। न ही उन्होंने पत्रकारों के सवालों का कोई जवाब दिया। वो अपनी प्राइवेट कार से विजिलेंस दफ्तर पहुंचे थे और उसी से वापस लौट गए। विजिलेंस दफ्तर में उनसे क्या पूछताछ हुई इस संबंध में स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। माना जा रहा है कि राम बिलास यादव ने अपना बयान दर्ज कराया है साथ ही कुछ दस्तावेज भी सौंपे है। वहीं राम बिलास यादव के वकील ने मीडिया के सामने उनका पक्ष रखा है। उनके वकील ने उन आरोपों को सिरे से खारिज किया है जिसमें राम विलास यादव के जांच में सहयोग करने की बात कही जा रही है। उनके वकील ने कहा है कि जब भी कोई पत्र मिला है उसका उचित जवाब दिया गया है।
राम विलास यादव पर आय से अधिक संपत्ति दर्ज करने का आरोप है। उत्तराखंड आने से पहले यादव उत्तर प्रदेश में तैनात थे और लखनऊ विकास प्राधिकरण जैसा विभाग देखते थे। कुछ समय पहले वो उत्तराखंड में नियुक्ति लेकर आ गए। राम विलास यादव इसी 30 जून को रिटायर होने वाले हैं।