उत्तराखंड की राजधानी में इन दिनों पेट एनिमल यानी पालतू कुत्ते का लाइसेंस न बनवाने पर चालान किए जा रहे हैं। अकेले राजधानी में पिछले साल 4000 कुत्तों का पंजीकरण किया गया था जबकि अभी तक केवल 800 कुत्तों का पंजीकरण का नवीनीकरण हुआ है जबकि गुरुवार से 28 लोगों का चालान भी किया गया है जिनपर 10-10 हजार का जुर्माना लगाया गया है।राजधानी के नगर निगम के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ दिनेश चंद्र तिवारी का कहना है कि नगर निगम की चेतावनी के बावजूद लोग अपने पालतू कुत्ते का पंजीकरण नहीं करा रहे हैं लिहाजा जुर्माना काटने की कार्यवाही की जा रही है।
यदि अब तक आपने अपने पालतू कुत्ते का लाइसेंस नहीं बनवाया है तो इसके लिए नगर निगम के दफ्तर जाने की जरूरत नहीं ऑनलाइन ही आप अपने कुत्ते का लाइसेंस बना सकते हैं। अनुमानित तौर पर बताया जा रहा है कि राजधानी में लगभग 35000 कुत्ते हैं लिहाजा लोग अपने डॉगी का लाइसेंस नहीं बना रहे हैं जिन पर कार्रवाई होनी तय है।
देहरादून नगर निगम की वेबसाइट पर जाकर लाइसेंस फार डाग सेक्शन में क्लिक करें।
पंजीकरण फार्म भरकर पशु चिकित्सक से रैबीज से बचाने को लगने वाले टीके के लगे होने का प्रमाण-पत्र अपलोड करें।
जीवाणुनाशक का प्रमाण पत्र भी इसके साथ अपलोड करें।
पंजीकरण के बाद नगर निगम संबंधित व्यक्ति को उसके नाम और पते वाला एक आनलाइन नंबर देगा।
पंजीकरण के लिए 200 रुपये शुल्क आनलाइन जमा करना होगा।