गौला नदी से उप खनिज निकासी की ज्वलन्त समस्याओं को लेकर गोला खनन संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सीएम धामी से भेंट कर अपनी निम्नलिखित मांगे मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की।
- एक प्रदेश एक रायल्टी की व्यवस्था लागू की जाये।
- समतलीकरण एवं गड्ढे खोदने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जाये। जिससे गौला एवं नंधौर के 10 हजार वाहनों एवं मजदूरों के रोजगार को सुचारू रखा जा सके।
- गौला एवं नंधौर के वाहनों से ग्रीन टैक्स के नाम से लिया जा रहा अतिरिक्त कर समाप्त किया जाये। गौला के वाहनों का माडल नं० न देखकर पुरानी ही फिटनेस फीस ली जाये। सभी वाहनों को एक ही पूर्व वाला टैक्स लिया जाये।
- टैक्टर एवं ट्राली में एक ही फिटनेस एवं टैक्स लिया जाये।
- महोदय, ‘गौला खनन संघर्ष समिति की तरफ से सविनय निवेदन इस प्रकार है कि विगत वर्षो की भांति सत्र 2022-23 इस वर्ष भी गौला नदी से उप खनिज चुगान का कार्य माह अक्टूबर 2022 से प्रारम्भ होने जा रहा है। जिसमें लगभग एक लाख से अधिक जनसंख्या की आजीविका निर्भर करती है।
- प्रतिवर्ष ‘गौला खनन संघर्ष समिति अपनी समस्याओं के समाधान हेतु आन्दोलनरत रहते हुए शासन-प्रशासन की मध्यस्थता में स्टोन क्रेशर मालिकों द्वारा सर्व सम्मत उचित किराया भाड़ा नहीं देने पर भी उप खनिज चुगान कार्य में बंधक नहीं बनती रही है।
- इस वर्ष सत्र 2022-23 के उप खनिज चुगान कार्य प्रारम्भ होने से पहले ही बहुत ही विपरीत प्रतिकूल परिस्थितियां उत्पन्न हो गयी हैं। जिसके न्यायोचित सर्व सम्मत समाधान नहीं होने पर जनता की आजीविका, वाहन स्वामियों के स्वरोजगार तथा शासन के राजस्व अर्जित करने में पूर्ण रूप से बाधक बन सकती है। उन प्रतिकूल परिस्थितियों को गौला संघर्ष समिति शासन-प्रशासन के स्तर से न्योयोचित सर्व सम्मत समाधान हेतु निम्न विवरण के अनुसार प्रस्तुत करना चाहती है ताकि चुगान कार्य निर्माण ।