उत्तराखंड वन महकमे में महिला वन दरोगा का ट्रांसफर इस वक़्त चर्चा का विषय बना हुआ है जिसको लेकर एक ऑडियो भी सोशल मीडिया पर तेज़ी के साथ वायरल हो रहा है बड़ा सवाल जहां यह है आखिर यह तबादला क्यों हुआ और किसके इशारे पर हुआ पहले आपकी जानकारी के लिये बताते चलें कि रामनगर तराई पश्चिमी वन प्रभाग हमेसा से ही खनन माफियाओ का गढ़ माना जाता रहा है।
तराई मे कोसी व दाबका नदियों मे आजकल खनन सत्र के दौरान खनन कार्य जारी है। इसी का फायदा उठाकर खनन कारोबारी धड़ल्ले से अवैध खनन कर रहे है। कुछ दिन पूर्व मे खनन माफियाओ द्वारा महिला वन दरोगा से अभद्रता व धमकी दी गयी थी जिस पर महिला दरोगा ने कोतवाली रामनगर मे लिखित शिकायत भी की जिस पर मुकदमा दर्ज भी हुआ। लेकिन महिला वन दरोगा का अपने ही विभाग ने अवैध खनन रोकने पर बतौर इनाम ट्रांसफर कर दिया कोसी नदी मे दिन रात बैक कराह से अवैध खनन धडल्ले से जारी है जिसे रोक पाना वन विभाग के लिए टेड़ी खीर बना हुआ है।
वन विभाग मे वर्ष 2007 से अब तक एक दर्जन से अधिक हमले अधिकारियों पर हुए है। महिला वन दरोगा ने मात्र सात माह मे 25 गिलटे सागोन जिसे उत्तर प्रदेश के स्वार से बरामद किये साथ ही कुछ दिन पूर्व मे ही एक ट्रेक्टर ट्राली बिना प्रपत्र के पकड़ा साथ ही जिस क्षेत्र जाने मे वन क्षेत्राधिकारी के पसिने छूटते है वहा जे सी बी से खुदाई करवाकर अतिक्रमण होने से रुकाया था।बताया जा रहा है की जिस व्यक्ति की आवाज इस ऑडियो मे है वो … सुयाल नाम का व्यक्ति बताया जा रहा है। जिसके ऊपर महिला वन दरोगा ने कुछ दिन पूर्व मे ही जान से मारने की धमकी तथा अभद्रता करने की शिकायत दर्ज कराई थी जिसमे कोतवाली रामनगर मे मुक़दमा भी दर्ज है। ईमानदारी से काम करने वालों को इनाम मे मिलता है दरअसल जब ट्रांसफर हुआ और रेंजर द्वारा ट्रांसफर किये जाने का पता अभी महिला वन दरोगा को भी नही चला कि उससे पहले ही माफियाओ को इसकी जानकारी खुद रेंजर ने महिला दरोगा से अभद्रता करने वालो को दी है ऐसा इस ऑडियो मे कहा जा रहा है।
आपको बता दे की जबसे तराई मे अवैध पातन व अवैध खनन का खेल धलड़ले से जारी है रोजाना कोसी नदी मे 100 से ज्यादा बैक कराहा से अवैध खनन हो रहा है जिसकी एवज मे मोटी रकम ली जा रही है नदियों का सीना चिरकार मोटी रकम कमाने वालों का मिलीभगत से अवैध खनन का काला कारोबार चरम सीमा पर है।