रुड़की क्षेत्र में लकड़ी माफिया सक्रिय हैं। माफिया किसानों के खेतों में खड़े हरे-भरे फलदार आम के पेड़ों को औने-पौने दामों पर खरीदकर उसको ठिकाने लगा रहे हैं। जबकि उद्यान विभाग इस पर कोई एक्शन नहीं ले रहा है। सूचना के बाद विभाग कार्रवाई की बात कहकर पल्ला झाड़ लेता है।
शनिवार देर रात रुड़की क्षेत्र के मुलदासपुर उर्फ माजरा गांव के जंगल में आम के फलदार हरे पेड़ों पर बिना अनुमति के धड़ल्ले से काटा गया। घटना की जानकारी पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। वन विभाग के दरोगा ने माल जब्त कर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है। बता दें कि कार्रवाई के डर से जब वन माफिया आम के पत्तियों को भरकर लेकर जा रहे थे। तभी उनकी ट्राली बढ़ेड़ी राजपूतान मार्ग पर पलट गई। वन माफिया अधिकारियों के आने से पहले ही पत्तियों को भर कर मौके से भाग खड़े हुए।
उद्यान विभाग की मिली भगत की हो रही चर्चा
गौरतलब है कि सरकार बागवानी को बढ़ाने के लिए विभागीय योजना के तहत प्रोत्साहन देती है। लेकिन लकड़ी के ठेकेदारों का एक बड़ा रैकेट क्षेत्र की हरियाली को पलीता लगाने में लगा हुआ है। लोगों का कहना है कि इस धंधे में उद्यान विभाग की मिली भगत जगजाहिर है। वरना आम के हरे-भरे बागों पर आरा या कुल्हाड़ा चल ही नहीं सकता है।
बता दें कि इन प्रतिबंधित प्रजातियों के पेड़ों को अनुमति लेकर काटा जा सकता है। जिसकी विभाग से बाकायदा अनुमति मिलती है। लेकिन सक्रिय लकड़ी माफिया ने क्षेत्र में हरे-भरे पेड़ों पर बिना अनुमति के जमकर कुल्हाड़ी चलाई है। जिसकी सूचना किसी ने उद्यान विभाग और वन विभाग को दी। जिसके बाद कार्रवाई देखने को मिली है।
आम के कटे पेड़ छोड़कर लकड़ी माफिया फरार
सूचना पर मौके पर वन दरोगा नरेंद्र सिंह के पहुंचने पर लकड़ी माफिया आम के कटे पेड़ छोड़कर भाग खड़े हुए। जिसके बाद वन विभाग ने मौके से लकड़ियों को जब्त कर अग्रिम कार्रवाही शुरू कर दी है। वहीं उद्यान विभाग के अधिकारी भी संबंधित ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी में जुड़े हुए हैं।