हल्द्वानी। गौला नदी से रेलवे लाइन खतरे में आ गई है तो वहीं अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम भी खतरे की जद में है। गौला नदी में बना बाईपास पुल भी ज्यादा दिन का मेहमान नहीं लग रहा है।
गौला नदी से अवैध खनन इस कदर हो रहा है कि विकास के लिए ये मुसीबत का सबब बन गया है। रेल लाइन को बचाने, पुल की सुरक्षा के साथ ही स्टेडियम भी खतरे की जद में नजर आने लगा है।
रेल लाइन को बचाने के लिए नदी का डायवर्जन स्टेडियम की तरफ किया जाएगा तो स्टेडियम की तरफ नदी तेजी से भू कटाव करेगी। मिट्टी तो है नहीं, रेत बजरी के टीले क्या नदी के वेग को रोक सकेंगे! नदी किनारे बने स्टेडियम को बचाने को किसी प्रकार की सुरक्षा दीवार नहीं है।
पुल के चारों तरफ खनन माफिया ने खुदाई कर रखी है जिससे पुल भी खतरे की तरफ बढ़ रहा है। बुग्गी वाले खनन माफिया इतने बड़े पैमाने पर खनन करते हैं कि पुल के पीलर तक वह नहीं छोड़ रहे हैं।
रेल लाइन को बचाने की कोशिश में स्टेडियम की तरफ पानी को धकेला गया तो आने वाले समय में स्टेडियम को बचा पाना बेहद मुश्किल होगा।
रेल लाइन को बीस साल पहले से खतरा हो गया था लेकिन किसी ने इस तरफ नजर घुमाने की जरूरत तक महसूस नहीं की, आज हालत यह है कि रेल की पटरी को बांधा जा रहा है जो सोचनीय विषय है।
समय रहते सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए होते तो आज पटरी को बांधने की जरूरत न होती। लापरवाही का जीता जागता प्रमाण है ये।
रेल प्रशासन को अब चिंता हो रही है जबकि खतरा बीस साल से नजर आ रहा था। लोगों का कहना है अवैध खनन माफिया ने खुदाई करके रेल लाइन और पुल को इस हालत में पहुंचा दिया है।
लोग यह भी कहते हैं कि समय पर सुरक्षा दीवार का निर्माण नहीं हुआ तो रेल लाइन, पुल, स्टेडियम कभी भी गौलानदी में समा सकते हैं।