देहरादून। पहाड़ के लोगों के लिए अच्छी खबर है। मई के पहले सप्ताह में पहाड़ के अस्पतालों में 338 युवा डाक्टर ज्वाइन कर लेंगे। जिससे वहां पर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। इन डाक्टरों ने कोरोना में जान जोखिम में डालकर प्रशिक्षण के दौरान हजारों मरीजों की जान बचाई।
उत्तराखंड के तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज दून, हल्द्वानी और श्रीनगर के बैच 2016 के पास होने वाले एमबीबीएस छात्रों की इंटर्नशिप 30 अप्रैल को पूरी हेागी। दून मेडिकल कॉलेज के 150 में से 138 छात्र पास हुए थे और हल्द्वानी एवं श्रीनगर के 100-100 छात्र सभी पास हो गए थे। कॉलेजों के अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में उनकी एक साल की इंटर्नशिप 30 अप्रैल को पूरी हो रही है। मेडिकल कॉलेजों में ये इंटर्न बांडधारी है, बांड के तहत तीन साल तक ये पर्वतीय इलाकों के अस्पतालों में सेवाएं देंगे। उनकी सूची स्वास्थ्य विभाग को डीजी स्तर पर भेज दी गई है। जहां से पर्वतीय जिलों के अस्पतालों के लिए लिस्ट तैयार हो रही है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज हिल में होने की वजह से यहां पर कुछ इंटर्न को रोका जा सकता है। इंटर्न ने मेडिसन, गायनी, ऑर्थो, इमरजेंसी, ईएनटी, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, नेत्र रोग, स्किन, एनेस्थीसिया, आईसीयू, बाल रोग विभाग, मानसिक रोग विभाग, दंत रोग विभाग समेत अन्य विभागों में इंटर्नशिप की है।
बैच 2016 के छात्र-छात्राओं ने कोरोनाकाल में अहम योगदान दिया। इन्होंने कोरोना वार्डों, आईसीयू, सैंपलिंग आदि में जोखिम के बीच कार्य किया। दून मेडिकल कॉलेज में तो सबसे ज्यादा मरीजों को भर्ती कर इलाज दिया गया। जिसमें प्रशिक्षु डाक्टरों ने अपनी अहम भूमिका निभाई। जिसका लाभ अब पहाड़ के मरीजों को मिलेगा। वहीं डाक्टरों को भी प्रैक्टिस होने से आसानी होगी। इंटर्न डाक्टरों के पहाड़ों के अस्पतालों में जाने से चारधाम यात्रा में फायदा मिलेगा। उनके वहां जाने से अस्पतालों एवं चारधाम यात्रा मार्ग पर इलाज में सहूलियत मिलेगी। क्योंकि यात्रा सीजन के दौरान अतिरिक्त डाक्टरों की जरूरत होती है।
अपर निदेशक, चिकित्सा शिक्षा डॉ.आशुतोष सयाना, का कहना है कि मेडिकल कॉलेजों में बैच 2016 के प्रशिक्षु डाक्टरों की इंटर्नशिप 30 अप्रैल को पूरी हो रही है। डीजी हेल्थ को सूची भेज दी गई है। वहां से डाक्टरों को सूची जारी कर उनकी तैनाती स्थल पर भेजा जाएगा। कोरोनाकाल में किए गए काम का लाभ इन डाक्टरों समेत मरीजों को भी मिलेगा।