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इस दौरान यूनियन के संयोजक सूरज भंडारी ने बताया कि ट्रेड यूनियन ऐक्टू का 3 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 24–26 फरवरी को दिल्ली में होने जा रहा है। जिसमें देश भर से ऐक्टू से जुड़ी सैकड़ों मजदूर यूनियन के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। सम्मेलन में देश भर में मजदूर वर्ग पर हो रहे शोषण के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी। सम्मेलन में मोदी सरकार द्वारा लाए गए 4 श्रम कोड वापस लेने, न्यूनतम मजदूरी 30 हजार करने, महंगाई पर रोक लगाने, मजदूरों के लिए बेहतर शिक्षा – स्वास्थ्य – आवास व्यवस्था, सिडकुल में शोषण पर रोक लगाने, आशा – आंगनबाड़ी – भोजनमाता व अन्य स्कीम वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, ठेकप्रथा खत्म करने, निर्माण मजदूरों को रोजगार व सामाजिक सुरक्षा की गारंटी करने व तमाम असंगठित क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए कल्याण बोर्ड का निर्माण करने सहित तमाम मांगे उठाई जाएंगी।
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यूनियन की नेता अनिता अन्ना ने कहा कि सरकार देश के संसाधनों को पूंजीपतियों को बेचने पर आमादा है। बिजली विभाग को भी अडानी को देकर मजदूर वर्ग के लिए आर्थिक समस्या बढ़ाने की साजिश सरकार कर रही है। सरकार ऐसे पूंजीपति को पद्मभूषण देकर सम्मानित कर रही है जो अवैध रूप से सितारगंज सिडकुल स्थित जायडस फैक्ट्री को बंद कर 1200 मजदूरों को बेरोजगार कर चला गया।
उन्होंने सभी श्रमिकों से ऐक्टू के राष्ट्रीय सम्मेलन में भागीदारी कर सम्मेलन को सफल बनाने की अपील की। इसके लिए पर्चा पोस्टर वितरित किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त अब हाइकोर्ट खुल जाने पर इसी हफ्ते ज़ाइडस कंपनी के ठेका मजदूरों के अवैध बंदी के दौर का वेतन पाने का मुकदमा दाखिल किया जाएगा।
इस दौरान ज्योति चंद, सूरज भंडारी, आशिक अंसारी, जफर, खीमा पंत , अनिता देवी, मीरा देवी, पारस, नीलम, लाल सिंह, कृपाल, सूरज पाल , संजीव कुमार, लाल मनोहर, मनजीत सिंह, नवीन जोशी, गुरमेज सिंह, नीलम, हरिओम भारती, प्रद्युम्न, काशीराम सहित कई श्रमिक उपस्थित थे।
अनिता अन्ना