मुहिम रिश्तों की फुलवारी और एमबीपीजी के हिन्दी विभाग के संयुक्त प्रयास से बीज-पौध वितरण कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ बीआर पन्त और मुहिम के संयोजक कमल उप्रेती के द्वारा किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए डॉ बी आर पंत ने कहा कि कोरोना काल में जब हम सब रिश्तों से दूर होते जा रहे हैं, ऐसे समय में फूल, फल के बीज, पौधे, कटिंग आदि एक-दूसरे को देकर मेलजोल बढ़ा सकते हैं–यादों में बने रह सकते हैं। रिश्तों की फुलवारी मुहिम के संयोजक कमल उप्रेती ने प्राचार्य के माध्यम से पीपल, अनार, पपीता, बरगद, नींबू आदि के पौधे, सहजन, पपीता, गेलार्डिया, तुलसी कॉसमॉस आदि के बीज प्राध्यापकों व कर्मचारियों को वितरित किये। मुहिम को आगे बढ़ाने की अपील करते हुए कमल उप्रेती ने आग्रह किया कि रिश्तों की फुलवारी मुहिम से अधिक से अधिक संख्या में लोग जुड़ें। शहर के प्रकृति प्रेमी फूल, फल, सब्ज़ी के पौधे, बीज, कटिंग संग्रह केंद्र श्री मार्बल, जगदम्बानगर पर जमा कर सकते हैं और जिसे जरूरत हो वे ले भी जा सकते हैं। पौध वितरण के पश्चात हिन्दी विभाग में प्रकृति पर आधारित काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन डॉ जयश्री भंडारी द्वारा और धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष डॉ प्रभा पंत द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डॉ एसएन सिद्ध, राजेश पंत, राकेश पाण्डे, डॉ आशा हर्बोला, डॉ चंद्रा खत्री, डॉ जगदीश जोशी, डॉ विमला सिंह, डॉ देवयानी भट्ट, डॉ दीपा गोबाड़ी, डॉ सन्तोष मिश्र, महेन्द्र स्यूनरी सहित शोधार्थी, विद्यार्थी उपस्थित रहे।
मुहिम रिश्तों की फुलवारी और एमबीपीजी के हिन्दी विभाग के संयुक्त प्रयास से बीज-पौध वितरण कार्यक्रम की शुरुआत की
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