बीजेपी विधायक महेश नेगी मामले में पुलिस की तरफ से कोर्ट में दाखिल अंतिम रिपोर्ट को पीड़िता चुनौती देगी। पीड़िता के अधिवक्ता ने कहा कि वे इस रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करेंगे। जब तक बच्ची और विधायक की डीएनए जांच नहीं होती, लड़ाई जारी रहेगी। हाल ही में इस मामले में पीड़िता की तरफ से हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई थी। तब, कोर्ट को बताया गया कि पुलिस ने जांच पूरी कर ली है।
विधायक पर लगे आरोप सही नहीं हैं। इसलिए पुलिस अंतिम रिपोर्ट भेज रही है। दूसरी ओर, पीड़िता के अधिवक्ता एसपी सिंह का कहना है कि हाईकोर्ट में जो शपथपत्र दिया गया है, उसमें पांच नवंबर को अंतिम रिपोर्ट भेजने की बात कही गई है। लेकिन, यह रिपोर्ट अब तक कोर्ट नहीं पहुंची है। डीएनए बिना कैसे बंद कर दिया केस। पीड़िता के अधिवक्ता ने कहा कि पुलिस ने ही कोर्ट से बच्ची और विधायक की डीएनए जांच की अनुमति ली थी। लेकिन, अब तक विधायक और बच्ची की डीएनए जांच नहीं हो पाई है। ऐसे में पुलिस ने किस तथ्य के आधार पर इस मामले को बंद कर दिया? वहीं, पीड़िता ने कहा कि द्वाराहाट विधायक महेश नेगी को आगामी चुनाव में टिकट मिला तो वे बेटी को साथ लेकर ‘मम्मी मेरे पापा कौन’ स्लोगन के साथ उनके खिलाफ प्रचार करेंगी। कहा कि वह बेटी को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करती रहेंगी।