उत्तराखंड विधानसभा में हुई भर्तियों के मामले में बीते दिनों विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी द्वारा भर्तियों को रद्द करने के फैसले के बाद पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का बयान सामने आया है।
यशपाल आर्य ने भी इसको सही ठहराते हुए कहा कि विधिक राय लेकर ही समिति की रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इन भर्तियों को रद्द किया गया है ये उनका संवैधानिक अधिकार है। लेकिन हमारी मांग है की उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के साथ ही सहकारिता और उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में हुई भर्तियों तथा अन्य विभागों में की गई भर्तियों में सरकार द्वारा की जा रही जांच से संतुष्ट नहीं है
क्योंकि कछुए की चाल से ये जांच चल रही है यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार को विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे इन सभी भर्तियों के मामले में हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में जांच करानी चाहिए जिससे कि युवा बेरोजगारों को न्याय मिल सके उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष संवैधानिक पद पर हैं उनके द्वारा समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही यह फैसला लिया गया है ।