पुलिस महकमे से अब तक की एक बड़ी खबर सामने आ रही है. उत्तराखंड पुलिस के लिए यह खबर हैरान करने वाली है कि हरियाणा के यमुनानगर में पुलिस के हत्थे चढ़े ठग गिरोह में शामिल एक आरोपी की पहचान हरिद्वार पुलिस के जवान के रूप में हुई है, जैसे ही यह जानकारी उत्तराखंड पुलिस महकमे के अधिकारियों को मिली तो तत्काल आरोपी कांस्टेबल यशपाल को डीआईजी एसएसपी डॉ योगेंद्र सिंह यादव ने तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।जानकारी के मुताबिक यमुनानगर के गांधी नगर थाने में एक किराना के कारोबारी ने ठगी का मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमे में कहा गया था कि उसके परिचित ने एक व्यक्ति से मिलाया जिसने ₹10 हजार के पांच 500 के नकली नोट बाजार में चलाने की बात कही, व्यापारी ने नकली नोट बाजार में चला दिए, दूसरी मुलाकात में युवक ने ₹3 लाख की असली रकम के बदले ₹9 लाख के नकली नोट देने की बात कही थी, सौदा तय होने के बाद व्यापारी ने तीन लाख की रकम उसे दे दी।
बदले में व्यापारी को व्यक्ति ने काले रंग का बैग थमा दिया। इस दौरान पुलिस की वर्दी में पहुंचे युवक ने उसे पकड़ लिया और डरा धमकाकर असली और नकली नोटों का बैग लेकर फरार हो गए। हरियाणा पुलिस द्वारा जब मामले की जांच की गई तो जांच में 7 सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़े, जिसमें से ज्वालापुर कोतवाली में तैनात कॉन्स्टेबल यशपाल भी निकला और यशपाल ने ही कारोबारी को झूठे मुकदमे में फंसा देने की धमकी देकर गैंग के साथ उसे ठगा था। हरियाणा पुलिस ने 25 फरवरी को पुलिसकर्मी यशपाल को गिरफ्तार कर लिया। जैसे ही यह जानकारी महकमे के सामने आई तो डीआईजी योगेंद्र सिंह यादव ने कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है और जांच शुरू कर दी है।