खनन रॉयल्टी का शुल्क सरकार द्वारा कम करने के बाद पिछले 40 दिन से आंदोलन कर रहे खनन व्यवसाईयो ने यह लिया निर्णय

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लालकुआं। उत्तराखंड शासन द्वारा खनन रॉयल्टी का शुल्क कम कर देने के बावजूद लंबे समय से एक राज्य एक रॉयल्टी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे खनन व्यवसायियों ने अन्य मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है, इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया।


उत्तराखण्ड शासन के औद्योगिक विकास (खनन) अनुभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर खनन की रॉयल्टी का शुल्क कम करने के बाद
उत्तराखण्ड वन विकास निगम (गौला, कोसी, दाबका, नन्धौर एवं अन्य नदियों), गढवाल मण्डल विकास निगम, कुमांऊ मण्डल विकास निगम एवं निजी नाप भूमि में स्वीकृत खनन पट्टों एवं समस्त प्रकार की अनुज्ञाओं हेतु निर्धारित भिन्न-भिन्न दरों को निम्नवत पुर्ननिर्धारित / संशोधन किये जाने के बाद राज्यपाल द्वारा सहर्ष स्वीकृति कर दी गई है।

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रॉयल्टी की दरें कम हो जाने के बाद यहां गौला खनन संघर्ष समिति के बैनर तले मोटाहल्दू में चल रहा धरना प्रदर्शन रॉयल्टी की दरें कम करने के बावजूद आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है। आंदोलनकारी खनन व्यवसायियों का कहना है कि क्षेत्र के स्टोन क्रेशर जब तक सही रेट खनन व्यवसायियों को नहीं देंगे तब तक वह मानने वाले नहीं हैं उनका आंदोलन जारी रहेगा, इसके अलावा जब तक राज्य सरकार गाड़ियों की सरेंडर की अवधि नहीं बढ़ा दी जाती, फिटनेस को लेकर दादी जा रही पेनाल्टी, जीपीएस का विरोध एवं ट्रैक्टर ट्राली में एक टैक्स जैसे ज्वलंत समस्याओं को लेकर अभी धरना जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों में रमेश जोशी, जीवन कबडवाल, भगवान धामी, जीवन बोरा, सुरेश चंद जोशी, रमेश कांडपाल, नवीन जोशी, नवीन पपोला, बसंत जोशी, वीरेंद्र दानू, पंकज दानू, उमेश जोशी, ललित भट्ट, इंदर सिंह नयाल, महेश चंद, कैप्टन इंदर सिंह पनेरी, पूरन पाठक, हरीश सुयाल, मदन उपाध्याय, गंगा दत्त पांडे, सहित कई वाहन स्वामी मौजूद रहे

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